हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को अक्सर इस बात के लिए आलोचनाओं का शिकार होना पड़ता है कि इंडस्ट्री जिस तरीके से मेल आर्टिस्ट्स को ट्रीट करती है, महिला कलाकारों को उतनी तवज्जो नहीं दी जाती। उम्र ढलने के बाद भी पुरुष कलाकारों को मुख्य भूमिकाओं में काम मिलता है लेकिन महिला अभिनेत्रियों को एक उम्र के बाद काम मिलना बंद हो जाता है या सपोर्टिंग रोल मिलता है। इसी बात को लेकर अपने दौर की मशहूर अभिनेत्री रहीं शर्मिला टैगोर ने अपनी नाराज़गी जाहिर की थी। उन्होंने अमिताभ बच्चन का नाम लेकर कहा था कि उनके लिए तो कानून ही अलग बनते हैं।

शर्मिला टैगोर ने अमिताभ बच्चन के साथ कई फिल्मों में बतौर एक्ट्रेस काम किया लेकिन बाद के वर्षों में उन्हें ऐसे किरदार मिले जिन्हें करने से उन्होंने मना कर दिया था। उन्होंने स्पॉटबॉय को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, ‘पुरुष कलाकारों के लिए चीजें अलग होती हैं। अमिताभ बच्चन के लिए तो कानून ही अलग है, निर्देशक उन्हें सर कहकर पुकारते हैं और उनके लिए अलग से खास स्क्रिप्ट लिखी जाती है।’

उन्होंने यह भी कहा था कि फिल्ममेकर्स पुरानी अभिनेत्रियों को लेकर फिल्में बनाने की नहीं सोचते हैं। शर्मिला टैगोर ने बताया, ‘फिल्ममेकर्स पुरानी अभिनेत्रियों को लेकर फिल्में नहीं बनाना चाहते हैं। ये बस मेरे साथ नहीं हुआ बल्कि सभी अभिनेत्रियों ने एक उम्र के बाद इस तरह का भेदभाव सहा है। सिनेमा में हर अभिनेत्री के साथ यही होता है।’

 

शर्मिला टैगोर ने पर्दे पर अमिताभ की प्रेमिका का रोल तो निभाया ही साथ ही वो पर्दे पर उनकी मां भी बनीं। 1975 में आई फिल्म फरार में शर्मिला टैगोर ने अमिताभ की पत्नी का रोल निभाया था। लेकिन साल 1982 की फिल्म देश प्रेमी में वो अमिताभ की मां के किरदार में नजर आईं।

 

ऐसा किसी पुरुष कलाकार के साथ नहीं देखा गया बल्कि और कई अभिनेत्रियों ने अमिताभ की प्रेमिका और मां दोनों का ही किरदार निभाया। वहीदा रहमान के साथ फिल्म कभी कभी और अदालत में अमिताभ ने रोमांस किया तो फिल्म त्रिशूल और कूली में वहीदा उनकी मां बन गईं। अभिनेत्री राखी ने भी फिल्मों में अमिताभ की मां और प्रेमिका दोनों का किरदार निभाया।