अमिताभ बच्चन और रेखा की जोड़ी हिंदी सिनेमा की बेहतरीन जोड़ियों में से एक मानी जाती थी। इस जोड़ी की सभी फिल्मों को लोगों ने काफी पसंद किया लेकिन साल 1981 में आई फिल्म ‘सिलसिला’ के बाद अमिताभ और रेखा ने साथ काम नहीं किया। इसके अगले साल ही रिलीज हुई फिल्म ‘सत्ते पे सत्ता’ में निर्देशक राज सिप्पी रेखा को कास्ट करना चाहते थे लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि रेखा ने इस फिल्म को करने से साफ मना कर दिया। इसके बाद फिल्म के लिए परवीन बॉबी को अप्रोच किया गया था लेकिन उन्होंने भी अमिताभ बच्चन की हीरोइन बनने से इनकार कर दिया था।

दरअसल बात ये थी कि उन्हीं दिनों रेखा और अमिताभ बच्चन के निजी रिश्ते बिगड़ने शुरू हुए थे। अमिताभ रेखा से खुद को दूर कर अपने परिवार पर ध्यान देने लगे थे। रेखा ने भी अमिताभ बच्चन से दूरी बनानी शुरू कर दी थी और उनके साथ ऑफर होने वाली फिल्मों को भी वो मना कर देती थीं। इसी बीच राज सिप्पी ने उन्हें अमिताभ के साथ फिल्म सत्ते पे सत्ता ऑफर की।

रेखा नहीं चाहतीं थीं कि फिर से कोई विवाद खड़ा हो, इसलिए उन्होंने अमिताभ बच्चन की हीरोइन बनने से इनकार कर दिया। निर्देशक राज सिप्पी उनके इनकार के बाद फिल्म में परवीन बॉबी को लेना चाहते थे। लेकिन परवीन बॉबी ने भी अमिताभ बच्चन के साथ फ़िल्म करने से मना कर दिया था।

परवीन बॉबी में उसी दौरान मानसिक बीमारी के शुरुआती लक्षण दिखने लगे थे और वो अमिताभ बच्चन को शक की निगाह से देखने लगी थीं। उनका झुकाव आध्यात्मिकता की तरफ भी होने लगा था और वो फिल्मों से दूरी बनाने लगी थीं।

 

परवीन बॉबी ने अमिताभ के साथ 8 फिल्मों में काम किया और सभी फिल्में बेहद सफल रहीं। इस वजह से निर्देशक राज सिप्पी दोबारा परवीन को अमिताभ के अपोजिट कास्ट करना चाहते थे। लेकिन परवीन बॉबी ने फिल्म करने से इंकार कर दिया जिसके बाद हेमा मालिनी को फिल्म के लिए अमिताभ बच्चन ने मनाया था।

 

अमिताभ बच्चन और रेखा को फिल्म सिलसिला में साथ लाने के लिए भी यश चोपड़ा को काफी पापड़ बेलने पड़े थे। जब दोनों ने हां कर दिया तो जया बच्चन ने फ़िल्म में काम करने से इनकार कर दिया। इसके बाद यश चोपड़ा ने जया बच्चन को यह भरोसा दिया था कि फिल्म के आखिर में अमिताभ बच्चन अपनी गर्लफ्रेंड रेखा को छोड़ उनके पास आ जाते हैं और तब जाकर जया बच्चन इस फिल्म के लिए राज़ी हुई थीं।