राज कपूर हिंदी सिनेमा के शोमैन माने जाते हैं। वह आज भले ही हमारे बीच न हों। लेकिन उनकी फिल्में कमी नहीं खलने देतीं। राज साहब फिल्मों के अलावा अपनी बात के भी बड़े पक्के थे। अपने वादे को याद रखने के लिए एक बार सिगरेट से हाथ जला बैठे थे। राज कपूर साहब तब गायक महेंद्र कपूर के साथ रूस में थे, जिन्होंने फिल्म उपकार में ‘मेरे देश की धरती…’ जैसा हिट गाना गाया था। एक इंटरव्यू में महेंद्र के बेटे रुहान कपूर ने इसका जिक्र किया था, जो उन्हें पिता में बताया था।
किस्से की शुरुआत ताशकंद में एक शो से पहले होती है। राज साहब ने तब महेंद्र से पूछा था कि उनके गाने के दौरान क्या वह हारमोनियम बजाएंगे। वह इस पर राजी हुए। जैसा कि तय हुआ, राज साहब ने गाना गाया और महेंद्र ने हारमोनियम बजाया। उन्होंने लोगों की खूब वाहवाही बंटोरी। चूंकि राज साहब वहां काफी लोकप्रिय थे। महेंद्र का गाया का गाना ‘नीले गगन के ताले’ भी खूब पसंद किया जाता था। वहां किसी ने उनसे उसे रूसी में अनूदित कर गाने को कहा था।

शो में राज साहब ने जैसे ही स्टेज छोड़ा, महेंद्र रूसी भाषा में वही गाना गाने लगे। लोग यह देखकर मानो दीवाने हो गए थे। वे जोर-जोर से महेंद्र का नाम लेकर चियर करने लगे। राज साहब ने भी यह आवाज सुनी। वह इस दौरान जानना चाहते थे कि कौन ज्यादा मशहूर है। स्टेज पर महेंद्र को देखकर वह बोले कि सिर्फ एक कपूर ही दूसरे कपूर को मात दे सकता है। ताशकंद से लौटते वक्त राज साहब ने महेंद्र के साथ काम करने की इच्छा जताई। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वह उन्हें खुद पर फिल्माए गाने नहीं दिला सकते, क्योंकि उन्हें गायक मुकेश गाने वाले थे। महेंद्र भी इस बात से वाकिफ थे और मुकेश उनके अच्छे दोस्त थे। लेकिन राज साहब ने उन्हें अपनी फिल्म के दूसरे हीरोज़ के लिए गाना गाने का विकल्प दिया।
महेंद्र ने तब खिंचाई करते हुए कहा था, पाजी आप बड़े आमदी हैं। एक बार भारत पहुंच जाएंगे, तो यह भूल जाएंगे कि आपने मुझसे कुछ कहा था। राज साहब ने इस पर पूछा कि तुम मेरे बारे में ऐसा सोचते हो? उन्होंने इसके बाद एक सिगरेट लेकर अपनी हथेली जला ली और कहा कि यह निशान मुझे याद दिलाएगा कि मुझे तुम्हें गाने देने हैं। भारत लौटने पर राज साहब ने उन्हें संगम फिल्म का ‘हर दिल जो प्यार करेगा’ और ‘वह गाना गाए गा’ गीत गाने के लिए दिया था।

