राजकुमार की बेहतरीन फिल्मों की बात जब होती है तब उनमें सौदागर का नाम जरूर आता है। 1991 में रिलीज हुई इस फ़िल्म में राजकुमार ने दिलीप कुमार के साथ काम किया था। फिल्म में दोनों को साथ लाना बड़ा मुश्किल काम था क्योंकि दोनों के बीच एक पुरानी बात को लेकर झगड़ा था। इस फिल्म में राजकुमार के साथ मुकेश खन्ना ने भी काम किया था। मुकेश खन्ना को जब निर्देशक सुभाष घई ने यह फिल्म ऑफर की तब वो थोड़ा सोच में पड़ गए थे। वो राजकुमार के स्वभाव से वाकिफ थे कि वो किसी का भी मज़ाक उड़ा देते हैं।

मुकेश खन्ना ने राजकुमार के साथ काम करने के अनुभव को अपने यूट्यूब चैनल भीष्म इंटरनेशनल पर शेयर किया था। उन्होंने बताया था कि राजकुमार बड़े से बड़े स्टार की खिल्ली उड़ाने में तनिक भी नहीं सोचते थे। एक ऐसी ही घटना का जिक्र कर उन्होंने बताया, ‘राज जी का ये एटीट्यूड सबको मालूम है। चार पांच एक्टर्स काम कर थे- राजेश खन्ना, जितेंद्र सब साथ काम कर रहे थे। राजकुमार सेट पर जैसे ही इंटर हुए तो उन्होंने उन एक्टर्स पर एक नज़र दौड़ाई और निर्देशक से बोले – काफ़ी जूनियर जमा करके रखे हुए हैं जानी। डायरेक्टर सुनकर स्तब्ध।’

मुकेश खन्ना ने बताया कि उन्हें लग रहा था कि राजकुमार सभी की तरह उनके साथ भी कोई मजाक करेंगे। उन्होंने बताया, ‘उस दौरान भीष्म पितामह (मुकेश खन्ना ने महाभारत में भीष्म पितामह का किरदार निभाया था) बहुत मशहूर थे। मुझे लग रहा था कि राज जी मेरे बारे में भी जरूर कुछ न कुछ बोलेंगे। किसी ने मुझे उनसे इंट्रोड्यूस करवाया कि ये मुकेश खन्ना हैं तो राजकुमार जी की आवाज आई- जानी पितामह को कौन नहीं जानता।’

 

राजकुमार के ऐसे कितने ही किस्से मशहूर हैं जब उन्होंने अपने बेबाकीपन से सामने वाले को निरुत्तर और कभी तो अपमानित कर दिया। ऐसा ही एक किस्सा है जब उन्होंने जंजीर फ़िल्म महज इसलिए ठुकरा दी क्योंकि उन्हें निर्देशक के बालों में से तेल की बदबू आ रही थी। फिल्म जंजीर के निर्देशक प्रकाश मेहरा फिल्म में राजकुमार को लेना चाहते थे।

 

फिल्म की कहानी लेकर जब वो राजकुमार के पास पहुंचे तब उनके बालों से आती गंध के कारण उन्होंने फिल्म ठुकरा दी। उन्होंने प्रकाश मेहरा से कहा था कि तुम्हारे पास से बिजनौरी तेल की बदबू आ रही है, फिल्म तो दूर हम तुम्हारे साथ एक मिनट और खड़ा होना बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसके बाद निर्देशक प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन को लेकर यह फिल्म बनाई थी।