बॉलीवुड की बेहतरीन चरित्र अभिनेत्री नीना गुप्ता ने अपने ज़िंदगी में कई ऐसे फैसले लिए हैं जो कई महिलाओं के लिए एक चुनौती भरा कदम माना जाता है। उन्होंने वेस्ट इंडीज के क्रिकेटर के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहते हुए एक बेटी (मसाबा) को जन्म दिया। उस वक्त जब वो अकेली थीं तब कई लोगों ने उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। इसके बाद जब उन्होंने 50 की उम्र में विवेक मेहरा से शादी की तो कई तरह की बातें हुईं। नीना गुप्ता ने अपनी शादी को लेकर कहा था कि भारतीय समाज में एक औरत को रहने के लिए पति की जरूरत होती है।

नीना गुप्ता ने सिपिंग थॉट्स नामक मीडिया प्लेटफॉर्म को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मैंने 50 साल में शादी इसलिए की क्योंकि मुझे महसूस हुआ कि अकेली औरत का समाज में रहना बड़ा ही मुश्किल काम है। जब आप सिंगल हैं और कहीं जाते हैं तो लोग यही सोचते हैं कि आप अवेलेबल हैं। लोग लाइन मारते रहते हैं। अकेले जाने के बहुत तरह की कठिनाइयां होती हैं।’

उन्होंने आगे कहा था, ‘इस सोसायटी में रहना है तो आपको एक आदमी की जरूरत होती है, एक पति की जरूरत होती है और ऐसा अगले कई सालों तक होने वाला है।’

 

इस बीच नीना गुप्ता ने यह भी कहा कि शादी का आधार केवल प्रेम नहीं है बल्कि जिस तरह से एक औरत को आदमी की जरूरत होती है उसी तरह से भारतीय समाज के एक आदमी को पत्नी की जरूरत होती है ताकि वो उसके घर और बच्चों को संभाले।

नीना गुप्ता ने हाल ही में प्रकाशित अपनी आत्मकथा ‘सच कहूं तो’ में अम्लान कुसुम घोष से अपनी पहली शादी पर भी खुलकर बात की है। उनकी पहली शादी बहुत कम उम्र में ही हुई थी और बस एक साल ही चल पाई थी। दोनों पढ़ाई के दौरान मिले थे और परिवार की रजामंदी से शादी कर ली थी। हालांकि कुछ समय बाद ही नीना को यह एहसास हो गया था कि दोनों एक-दूसरे के लिए नहीं बने हैं और वो अलग हो गए थे।

 

नीना गुप्ता ने एक इंटरव्यू में शादी और लिव इन रिलेशनशिप में लिव इन को ज्यादा बेहतर बताते हुए यह भी कहा था कि लोग शादी करते हैं, तामझाम करते हैं, पैसे खर्चे करते हैं और फिर तलाक ले लेते हैं, इससे अच्छा है लिव इन में रहना।