अभिनेता नाना पाटेकर ने आर्ट सिनेमा के साथ-साथ कमर्शियल सिनेमा में भी खूब नाम कमाया। नाना पाटेकर ने 1978 की फिल्म ‘गमन’ से अपने करियर की शुरुआत की, तब उन्हें कोई नहीं जनता था। नाना पाटेकर को 1989 की फिल्म ‘परिंदा’ से पहचान मिली। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। नाना पाटेकर के करियर में एक वक़्त ऐसा आया जब वो मेन लीड को टक्कर देने लगे थे। उसी दौरान उन्होंने अपनी एक फिल्म के लिए एक करोड़ फीस की मांग कर दी थी। इस बात का खुलासा अभिनेता परेश रावल ने हाल ही में किया है।

नाना पाटेकर ने द क्विंट से बातचीत में कहा कि इंडस्ट्री में पैसे को लेकर बहुत असमानता है खासकर आर्ट फिल्म के एक्टर्स और चरित्र अभिनेताओं को बहुत कम पैसे मिलते हैं। नाना पाटेकर की पहचान भी एक चरित्र अभिनेता की ही रही है और जब एक बार उन्होंने एक करोड़ की फीस मांगी तो पूरी इंडस्ट्री चकित रह गई थी कि एक चरित्र अभिनेता इतनी फीस कैसे मांग सकता है।

परेश रावल ने बताया, ‘मैं एक बंदे को सलाम करता हूं, जिसने बिलकुल हिला दिया था अपनी फिल्म इंडस्ट्री को… एक करोड़ रुपया मांगकर….नाना पाटेकर ने…वर्षों पहले। इतने खुश हुए थे हमलोग कि यार क्या बात है। आप उनको ढालते हो करेक्टर एक्टर में और उन्होंने डिमांड किया कि लाओ एक करोड़ रुपया लाओ, चलो लाओ, उन दिनों में मांगा था।’

नाना पाटेकर अपने फिल्मों से इतर विवादों को लेकर भी खूब चर्चित हुए। फिल्म सेट पर उनके गुस्से को लेकर भी खूब चर्चे हुए। एक बार नाना पाटेकर की लड़ाई डायरेक्टर से इसलिए हो गई थी क्योंकि उन्होंने गाने पर एक्सप्रेशन देने से इनकार कर दिया था। इस किस्से का ज़िक्र खुद नाना पाटेकर ने कोमल नाहटा को दिए एक इंटरव्यू में किया था।

उन्होंने बताया था, ‘गाना चल रहा था और वहां एक रिएक्शन देना था। डायरेक्टर बोला आपका रिएक्शन है यहां। मैंने रिएक्शन दिया। फिर कहता है कुछ कीजिए, मैंने कहा करना नहीं आता कुछ मुझे। फिर बोला कि कुछ कीजिए न, वो नाच रही है। मैंने कहा- मैं क्या करूं वो नाच रही है तो, मैं उछल कूद नहीं सकता।’

उन्होंने आगे कहा था, ‘वो नाच रहीं हैं मैं उन्हें देख रहा हूं। इससे ज्यादा हा-हु मैं नहीं कर सकता। फिर कहता है, नहीं जरा कुछ कीजिए। मैंने कहा चुप यार। और फिर लोग कहते हैं कि नाना झगड़ा करता है…अब क्या करें।‘