बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी कॉमेडी और डांस के लिए जाने जाते हैं। 90 के दशक में उनका जो करिश्मा था, बाद के वर्षों में वो खत्म होता गया। गोविंदा ने राजनीति में भी हाथ आजमाया लेकिन जल्द ही उनका मन उचट गया और वो दोबारा फ़िल्मों में आ गए। लेकिन कमबैक पर उन्हें ज्यादा फिल्में नहीं मिली, उन्होंने कुछ फिल्में प्रोड्यूस भी की जिसे लेकर उनका आरोप था कि उनकी फ़िल्मों को थियेटर नहीं मिला, उनके करियर को बर्बाद करने की कोशिश हुई।

साल 2018 में आई फ़िल्म, ‘फ्राइडे’ में गोविंदा ने वरुण शर्मा के साथ काम किया। फ़िल्म ज्यादा कमाई नहीं कर पाई थी। गोविंदा का कहना था कि इस फ़िल्म को भी ज्यादा थियेटर नहीं मिला और इसलिए फ़िल्म अच्छी कमाई नहीं कर पाई। फिल्म रिलीज के कुछ समय बाद गोविंदा ने मीडिया से बात की थी जहां उनका दर्द छलका था।

उन्होंने कहा था, ‘मेरे पास 9 साल का पूरा लेखा-जोखा है। ऐसा मेरे साथ सालों से क्यों किया जा रहा है। मैं राजनीति से बाहर निकल चुका है, मेरी तरफ से किसी के लिए कोई प्रॉब्लम नहीं है, तकलीफ नहीं है। मैं सिर्फ हाथ जोड़े-जोड़े घूम रहा हूं। एक गलत शब्द मैं नहीं कहता हूं किसी से।’

 

गोविंदा ने आगे कहा था कि इंडस्ट्री में कुछ लोग हैं जो उनकी फ़िल्मों को रिलीज नहीं होने दे रहे और अगर फिल्म रिलीज हो भी जा रही है तो उसे ज्यादा थियेटर नहीं मिल रहे। उन्होंने कहा, ‘एक आदमी सह सकता है 2 साल, 3 साल, मुझे तो 9 साल हो गए। क्या दिक्कत है मुझसे? कहां है दिक्कत? और मैं ऐसा क्या हो गया हूं किसी के लिए, मैंने किसी के साथ घात-पात कर दिया क्या? ये बात मेरी समझ में नहीं आ रही।’

डेविड धवन जिनके साथ गोविंदा ने कई सफल फिल्में दी, उनके बारे में भी गोविंदा ने कई मौकों पर बात की। गोविंदा ने बताया था कि जब राजनीति के बाद वो फिल्मों में दोबारा आए तब वो जानना चाहते थे कि डेविड उन्हें काम देना चाहते हैं या नहीं। गोविंदा ने किसी दोस्त के जरिए फोन पर डेविड को कहते सुन लिया था कि गोविंदा को अब हीरो वाले रोल नहीं मिलेंगे, उसे कहो जो छोटा मोटा रोल मिले, कर ले। यह बात गोविंदा को बहुत चुभी और फिर उन्होंने कभी डेविड धवन के साथ काम नहीं किया।