हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में ‘शोले’ के ‘गब्बर सिंह’ नाम से मशहूर अभिनेता अमजद खान को उस दौर की फ़िल्म मैगजींस से सख़्त चिढ़ थी। वो कहते थे कि हमारी फिल्में ही दर्शकों के लिए काफ़ी है, ये फ़िल्म मैगजींस अब फ़िल्म स्टार्स के बेडरूम तक घुस आए हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में मैगजींस की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि ये मैगजींस फ़िल्म इंडस्ट्री के खून पर पलती हैं।
आईटीएमबी शोज़ को दिए इंटरव्यू में अमजद खान ने कहा था कि फिल्मी मैगजींस का अपना कुछ नहीं होता, वो फ़िल्म इंडस्ट्री की परजीवी हैं। उन्होंने बताया था, ‘फ़िल्म मैगजींस में जब अपने या किसी के बारे में पढ़ता हूं तो अच्छा नहीं लगता है। ऐसा लगता है जैसे कोई आपके बेडरूम में दरवाज़ा खोलकर झांक रहा है।’
उन्होंने आगे कहा था, ‘जो फिल्मी दुनिया की बातें हैं वो फिल्मों तक हीं रहनी चाहिए, कलाकारों की निजी जिंदगी से कोई ताल्लुक नहीं होना चाहिए। मैं माफ़ी चाहता हूं लेकिन जहां तक मेरी निजी राय है, मैं फ़िल्म मैगजींस को वो पैरासाइट्स कहता हूं जो फ़िल्म इंडस्ट्री के खून पर पलते हैं। उनका खुद का कोई योगदान नहीं है।’ अमजद खान ने फ़िल्म मैगजींस पर नाराज़गी जताते हुए कहा था कि अगर फ़िल्म मैगजींस नहीं होंगी तो बहुत अच्छा होगा, हमारी जिंदगी सुखी हो जाएगी।
अमजद खान ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को करीब 200 फिल्में दीं। उनके निजी जिंदगी की बात करें तो, कहा जाता है कि शादीशुदा और 3 बच्चों के पिता होने के बावजूद अमजद एक्ट्रेस कल्पना अय्यर को पसंद करते थे। कल्पना भी उन्हीं की तरह परदे पर नेगेटिव किरदारों के लिए मशहूर थीं। दोनों की पहली मुलाकात एक फ़िल्म स्टूडियो में हुई थी। जल्द ही दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे।
दोनों शादी तो करना चाहते थे लेकिन इससे एक परिवार टूट जाएगा, यही सोचकर कल्पना ने कदम पीछे खींच लिया। अमजद खान भी अपने परिवार को प्रश्रय देने लगे थे। अमजद खान का निधन 27 जुलाई 1992 को 51 वर्ष की उम्र में हार्ट अटैक से हो गया था।