जब बॉलीवुड स्टार्स की फिल्म सक्सेसफुल होती है तो वह इसकी खुशी अलग-अलग तरह से मनाते हैं। कुछ भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं तो कुछ लोग पार्टी करते हैं कुछ ऐसे भी होते हैं जो छुट्टियों पर निकल जाते हैं। ऐसे ही अपनी फिल्म की सफलता के लिए रजनीकांत ने भी एक मंदिर जाने की सोची और इस मंदिर में उनके साथ ऐसा हुआ कि वह उनके लिए हमेशा की एक याद बनकर रह गया।

साल 2007 में रजनीकांत की फिल्म शिवाजी ने बॉक्स ऑफिस पर 1.28 बिलियन की कमाई का नया रिकॉर्ड बनाया था। इस फिल्म की कामयाबी देख रजनीकांत की इच्छा हुई की इस सफलता के लिए भगवान का धन्यवाद किया जाए। उन्होंने अपने साथियों से मंदिर जाने की बात कही। इसके बाद उनकी टीम ने उन्हें समझाया कि इससे सुरक्षा की परेशानी हो सकती है। मंदिर में भीड़ इकट्ठा हो जाएगी। इस बात को देखते हुए सिक्योरिटी ने फैसला किया कि रजनीकांत को वहां साधारण से कपड़ों में एक बूढ़े आदमी के गेटअप में भेजा जाए ताकि वहां उन्हें कोई पहचान भी ना सके और उनकी इच्छा भी पूरी हो जाए।

रजनीकांत ने ऐसा ही किया। तो जब वह मंदिर की सीढ़ियां चढ़ रहे थे। उनके साथ एक महिला भी सीढ़ियां चढ़ रही थी। महिला ने जब उन्हें देखा तो उसे लगा कि कोई कमजोर बुजुर्ग आदमी है और हालत भी ठीक नहीं है। महिला ने रजनीकांत को भिखारी समझ उनके हाथ में दस रुपए का एक नोट थमा दिया। रजनीकांत ने चुपचाप वह नोट रख लिया।

इसके थोड़ी देर बाद सभी मंदिर पहुंचे। भगवान के मंदिर पहुंचकर रजनीकांत ने दर्शन किए, जेब से पर्स निकाला और उसमें जितने पैसे थे सभी निकाल कर भगवान के चरणों में रख दिए। वहां खड़ी महिला भी यह सब देख रही थी। फिर जब उसने गौर से रजनीकांत की तरफ देखा तो वह उन्हें पहचान गई। तब तक रजनीकांत दर्शन कर बाहर निकल चुके थे। वह भागकर उनके पास पहुंची और उनसे माफी मांगी। उस महिला ने कहा, मुझसे भूल हो गई, मेरे दस रुपए मुझे वापस कर दीजिए। इस पर रजनीकांत ने कहा आपके दस रुपए मेरे लिए भगवान के आशीर्वाद की तरह हैं। आप केवल मुझ पर अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें।

बाशा फिल्म के एक सीन में रजनीकांत

 

सुपर स्टार रजनीकांत