हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में जब प्रतिद्वंदिता का दौर अपने चरम पर था, इंडस्ट्री में दिलीप कुमार, राज कपूर, देव आनंद जैसे एक्टर्स का बोलबाला था, ऐसे में किसी भी नए कलाकार को लिए जगह बनाना मुश्किल था। लेकिन उस दौर में भी राजेश खन्ना ने जो मुकाम हासिल किया, उसे छू पाना आज भी किसी सुपरस्टार के लिए मुमकिन नहीं हो पाया है। उनके लिए लोगों में जो दीवानगी थी, वैसा आज तक किसी कलाकार के लिए नहीं देखा गया। राजेश खन्ना आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके किस्से फैंस के बीच काफी मशहूर हैं। उनके साथ कई फिल्मों में काम कर चुकीं अभिनेत्री रहमान ने बताया था कि राजेश खन्ना इंडस्ट्री के सबसे कंजूस आदमी थे।

वहीदा रहमान ने सोनी टीवी के शो सुपरस्टार सिंगर पर इस बात का खुलासा किया था। जब उनसे पूछा गया कि सेट पर सबसे कंजूस आदमी कौन था तो उनका जवाब था राजेश खन्ना। वहीदा रहमान ने बताया था, ‘राजेश खन्ना बॉलीवुड के सबसे कंजूस आदमियों में से एक थे। जब भी कोई उनसे पैसे की बात करता तो वो पीछे मुड़ते और गायब हो जाते थे।’

वहीदा रहमान ने यह भी कहा था कि राजेश खन्ना सेट पर हमेशा देर से सेट पर आते थे। शूट सुबह की होती तो वो देर शाम आते थे। वहीदा रहमान ने राजेश खन्ना के साथ खामोशी, धर्म कांता, मकसद जैसी फिल्मों में काम किया।

 

राजेश खन्ना के साथ वहीदा रहमान को जो अनुभव हुआ कि वो बहुत कंजूस आदमी थे इससे उलट मशहूर लेखक और सलमान खान के पिता सलीम खान ने राजेश खन्ना के बारे में लिखा है कि वो जिससे खुश होते, उसे मकान और गाडियां गिफ्ट करते थे।

 

यासिर उस्मान की राजेश खन्ना के जीवन पर आधारित किताब, ‘राजेश खन्ना: कुछ तो लोग कहेंगे’ में सलीम खान लिखते हैं, ‘बड़े दिल के आदमी थे, खाने- खिलाने के शौकीन थे। मैं जानता हूं कि उन्होंने अपने स्टाफ के लोगों को मकान भी दिए हैं, कोई अच्छा आदमी लगता था तो उसके लिए बिछ जाते थे। गाड़ियां तक गिफ्ट दी है। उस जमाने में अपने दोस्त नरिंदर बेदी को भी उन्होंने गाड़ी तोहफे में दी थी।’