सबसे कम उम्र में नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाली पाकिस्तान की मलाला युसुफजई आज अपना 21वां जन्मदिन मना रही हैं और आज ही के दिन मलाला की बायोपिक का पहला लुक रिलीज किया गया है। इस फिल्म में मलाला की लाइफ को गहराई से पड़ताल करने की कोशिश की गई है। इस फिल्म का नाम गुल मकई है और इस नाम के पीछे भी काफी दिलचस्प कहानी है। दरअसल मलाला ‘गुल मकई’ नाम से ही बीबीसी के लिए अपने आर्टिकल लिखा करती थी। वे 11 साल की उम्र में तालिबान के जुल्मों की दास्तान को बीबीसी पर ‘गुल मकई’ के नाम से हर सप्ताह लिखा करती थीं।

गौरतलब है कि मलाला की डायरी जनवरी 2009 से मार्च 2009 के बीच दस किस्तों में बीबीसी उर्दू की वेबसाइट पर पोस्ट हुई थी और इन पोस्ट्स ने इंटरनेशनल मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था। कुछ समय तक किसी को ये पता नहीं था कि गुल मकई आखिर है कौन, लेकिन दिसंबर 2009 में गुल मकई की हकीकत खुलने के बाद 11 बरस की नन्ही मलाला तालिबान के निशाने पर आ गई।  9 अक्‍टूबर 2012 को तालिबानी आतंकी उस बस में घुस गए जिसमें 14 साल की मलाला अपना एक्जाम देकर लौट रही थी। तालिबानियों ने मलाला के सिर पर गोली मार दी। मलाला का इलाज पहले पाकिस्तान  में चला और फिर लंदन में इलाज से मलाला की जान बच गई। इस हमले के बाद भी मलाला घबराई नहीं बल्कि मजबूती से अपने मिशन की तरफ बढ़ रही हैं।

इस फिल्म में मलाला की मुख्य भूमिका रीम निभा रही हैं। रीम इससे पहले सीरि‍यल ‘ना आना इस देश लाडो’, ‘नीर भरे तेरे नैंना देवी’, ‘ये रि‍श्‍ता क्‍या कहलाता है’ जैसे कई शोज में चाइल्‍ड आर्टि‍स्‍ट के तौर पर नजर आ चुकी हैं। वहीं एक्ट्रेस दि‍व्‍या दत्‍ता इस फिल्म में उनकी मां की भूमिका निभाएंगी। इसके अलावा रागि‍नी खन्‍ना भी इस फिल्म में दिखाई देंगी। अमजद खान ने इस फिल्म को डायरेक्ट किया है और फिल्म की ज्यादातर शूटिंग कश्मीर में हुई है।