मशहूर गीतकार जावेद अख्तर आज भले ही बॉलीवुड के सफल गीतकारों में शामिल हैं, लेकिन जावेद को सफलता यूं ही नहीं मिल गई थी। जावेद अख्तर के संघर्ष के दिनों की कई कहानियां हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें जावेद अख्तर अपने मुश्किल दिनों के किस्से सुनाते नजर आ रहे हैं। वीडियो को जीआईएफएलआईएफ नाम के एक यू-ट्यूब चैनल ने शेयर किया है।
जावेद अख्तर से जब सवाल किया जाता है कि उन्होंने पहली फिल्म कौन-सी देखी तो जावेद अख्तर कहते हैं, ”मैंने छह साल की उम्र में फिल्म ‘आन’ देखी। मुझे शुरुआत से ही फिल्मों का शौक था। बचपन में मेरा सपना हीरो बनने का था, लेकिन मुझे लिखने का भी काफी शौक था।” जब जावेद से सवाल किया जाता है कि क्या उन्होंने कमाल अमरोही साहब का असिस्टेंट बनकर करियर की शुरुआत की तो जावेद कहते हैं, ”असिस्टेंट तो बहुत ही सम्मानजनक शब्द है, यही इस्तेमाल होता था। मैं उनकी सिगरेट का पैकेट अपनी जेब में रखता था। मुझे कहा जाता था कि हीरोइन की सैंडिल कहां है, तो भागकर जाता था और सैंडिल लेकर आता था। फिर मुझसे कहा जाता था कि हीरो का कोट कहां है, तो फिर से भागकर जाता था और हीरो का कोट लाता था।”
जावेद ने कहा, ”मुझे इस काम के लिए 50 रुपए महीना मिलता था। फिर एक दिन कमाल साहब ने मुझे बुलाया और कहा कि मैं अब फिल्म बंद कर रहा हूं और सैलरी भी अफोर्ड नहीं कर सकता तो फिर मुझे 50 रुपए महीना मिलना भी बंद हो गया था।” जावेद अख्तर अभिनेता सलीम से मुलाकात के बारे में ज्रिक करते हुए कहते हैं, ”सलीम फिल्म ‘सरहदी लुटेरा’ में लीड एक्टर थे और इसी फिल्म में मुझे बतौर असिस्टेंट 100 रुपए महीने का काम मिला था। फिल्म में कोई डायलॉग राइटर नहीं था तो मैं डायलॉग भी लिखता था। इस फिल्म के दौरान ही मेरी और सलीम साहब की दोस्ती हुई।”