बॉलीवुड में ऐश्वर्या राय, करीना और करिश्मा कपूर, माधुरी दीक्षित और श्रीदेवी जैसी कई अभिनेत्रियों को नृत्य के अलग स्तर पर ले जाने वाली कोरियोग्राफर सरोज खान आज अपना 70वां जन्मदिन मना रही हैं। 22 नवंबर 1948 को किशनचंद सद्धू सिंह और नोनी सद्धू सिंह के घर जन्मीं सरोज ने 200 से ज्यादा फिल्मों के लिए कोरियोग्राफी की है। सरोज खान का असली नाम निर्मला साधु सिंह नागपाल हैं । उनके जन्म के बाद सरोज का परिवार विभाजन के बाद भारत आ गया था। उन्होंने बाल कलाकार के तौर अपने करियर की शुरुआत तीन सील की उम्र में की थी। पहली बार वो नजराना फिल्म में श्यामा के रूप में नजर आई थीं। इसके बाद 1950 के दशक में वो बैकग्राउंड डासंर का काम करती थी।

लगभग 30 साल पहले आई फिल्म ‘तेजाब’ के गाने ‘एक दो तीन’ ने सरोज को जबरदस्त शोहरत हासिल करवा दी थी। उस गाने में फिल्म की ऐक्ट्रेस माधुरी दीक्षित का डांस इतना जबरदस्त था कि फिल्मफेयर ने उसे देखते हुए अपने अवॉर्ड्स में एक अलग कैटिगरी बना डाली थी- बेस्ट कोरियॉग्रफी। इस अवॉर्ड को अपने नाम किया था कोरियॉग्रफर सरोज खान ने, जिन्हें बाद में ‘मदर ऑफ डांस ऐंड कोरियॉग्रफी इन इंडिया’ कहा जाने लगा।

सरोज खान की 13 साल की उम्र में 43 साल के बी सोहनलाल से शादी हो गई थी जो पहले से शादीशुदा थे और 4 बच्चों के पिता था। इसके बारे में बात करते हुए सरोज खान ने कहा था कि ‘मुझे तो पता ही नहीं था कि शादी क्या होती है, एक दिन सोहनलाल जी ने गले में काला धागा बांध दिया था, जिसके बाद मेरे घरवालों ने कहा कि अब तुम जाओ, ये ही तुम्हारा पति है।’ उन्होंने अपने पति से डांस सिखा। इसके बाद वो खुद कोरियाग्राफर बनने के लिए चल पड़ीं। पहले वो असिस्टेंट कोरियोग्राफर थीं। इसके बाद 1974 में आई फिल्म गीता मेरा नाम से वो स्वतंत्र कोरियोग्राफर बन गईं।

सरोज ने फिल्म देवदास के गाने ‘डोला रे डोला’, ”जब वी मेट’ के गाने ‘ये इश्क हाये’ के लिए नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किया है। उन्हें फिल्म ‘गुरु’, ‘देवदास’, ‘हम दिल दे चुके सनम’, ‘खलनायक’, ‘बेटा’, ‘सैलाब’, ‘चालबाज’ और ‘तेजाब’ के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। यही नहीं, 2002 में उन्हें फिल्म लगान के लिए आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट इन फीचर फिल्म का अमैरिकन कोरियॉग्रफी अवॉर्ड भी मिल चुका है।

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