Uttar Ramayan 2nd May 2020 Episode 13 online Updates: श्री राम प्रभु से युद्ध करने को ललाहित लव कुश को वाल्मीकि ऋषि ने रोक दिया है। इसके बाद मां सीता ने रोते हुए उन्हें बताया कि श्री राम तुम्हारे पिता हैं। इसके बाद वाल्मीकि ने लव कुश से कहा कि अब अयोध्या जाकर अपनी मां के उपर प्रजा द्वारा लगाया गया अशोभिनीय धब्बा मिटाओ। इसके बाद लव कुश अयोध्या जाकर भगवान श्री राम के महल में राम कथा का गुणगान कर रहे ैहैं। जिसके बाद सब को पता चल जाता है कि ये दोनों श्री राम प्रभु के ही पुत्र हैं। जिसके बाद सभी हैरान रह जाते हैं।

वहीं इससे पहले अयोध्या के तमाम योद्धाओं को परास्त करने वाले नन्हें लव कुश ने अपने पराक्रम से तीनों लोकों को अपना परिचय दे दिया है। एक एक करके अयोध्या के सारे वीरों को अचेत अवस्था में पहुंचा दिया। इससे पहले वाल्मीकि ने लव कुश को दिव्य अस्त्र प्रदान किए थे । दिव्य अस्त्र देते वक्त वाल्मीकि जी ने कहा इस संसार में किसी के पास नहीं हैं। ये सभी अस्त्र इच्छानुसार रूप धारण करने वाले हैं। इनका अह्वान करने पर ये शत्रु पर हमला करते हैं। साथ ही इससे नाग, राक्षस सब पर विजय पा सकते हो। ऋषि ने कहा था कि इन अस्त्रों का प्रयोग अहंकार वश नहीं करोगे। ना ही निर्बल और निर्दोष लोगों पर करोगे। इन सबकी वह प्रतिज्ञा दिलाई थी।

लव और कुश इन दिव्य अस्त्रों का प्रयोग अश्वमेध घोड़े को पकड़ने और चुनौती को स्वीकार कर युद्ध के दौरान करते हैं। वे चुनौती पढ़ते हैं और राम से युद्ध करने की बात कहते हैं। लव कुश सेनापति को घायल कर देते हैं जिसके बाद शत्रुघ्न लव कुश के पास पहुंचते हैं। लव और कुश शत्रुघ्न को भी युद्ध में मूर्छित कर देते हैं। इसकी सूचना राजमहल पहुंचाई जाती है। इसके बाद लक्ष्मण युद्ध स्थल पर पहुंचते हैं और दोनों बालकों को पहले घोड़े को छोड़ने की बात कहते हैं। लेकिन ऐसा ना करने के बाद लक्ष्मण और लव कुश के बीच युद्ध छिड़ जाता है।

लक्ष्मण लव कुश से कहते हैं कि निर्दोषों को दंड नहीं दिया जाता। लक्ष्मण से ऐसी बात सुन लव कुश कहते हैं कि फिर सीता का क्या दोष था जो उन्हें इतना बड़ा दंड दिया गया। लक्ष्मण दो नन्हें बालकों से ऐसी बात सुन हैरान हो जाते हैं। लक्ष्मण पूछते हैं कि तुम कौन हो? इस पर लव कुश कहते हैं अपराधी जो अश्व को पकड़ने का अपराध किया है। लक्ष्मण कहते हैं तुम्हें नहीं पता कि मैंने इंद्रजीत को मारा है। दोनों तरफ से युद्ध छिड़ जाता है। इस युद्ध में लक्ष्मण भी शक्ति बाण लगने से घायल हो जाते हैं। इसके बाद राजमहल से भरत के साथ सुग्रीव और हनुमान भी युद्ध स्थल पर पहुंचते हैं।

 

Live Blog

10:54 (IST)02 May 2020
राम कथा कहते हुए लव कुश ने बताया वो ही सीता राम के पुत्र हैं।

श्री राम कथा सुनाते-सुनाते श्री राम के सामने ही लव कुश ने रोते हुए राज महल में ये बता दिया की वो ही श्री राम प्रभु और मां जानकी के पुत्र हैं।  इस दौरान राजमहल में बैठे सभी लोग हैरान रह गए हैं।

10:44 (IST)02 May 2020
अयोध्या के राजमहल में रामायण कथा सुनाते लव कुश

अयोध्या के राज महल में प्रभु श्री राम की अनुमति से लव कुश रामायण की कथा सुना रहे हैं। इस दौरान वो भगवान राम रे संपूर्ण चरित्र का वर्णन कर रहे हैं। राज महल में बैठे सभी लोग उनके कथा सुनाने के तरीके से अचंभित हैं।

10:34 (IST)02 May 2020
अयोध्या पहुंचे लव कुश, राजमहल में गा कर सुना रहे रामकथा

लव कुश अयोध्या पहुंचते हैं। अयोध्यावासियों को वह सीता की करुण कथा सुनाते हैं। जिसे सुन अयोध्यावासी अपने किए पर पछताते हुए रो पड़ते हैं। राम भी लव कुश की गीतों को सुन महल में आमंत्रित करते हैं। लव कुश यहां संपूर्ण रामायण को गा कर सुनाते हैं। रामकथा को राजमहल के अधिकारी सहित आमजन भी सुन रहे होते हैं।

10:24 (IST)02 May 2020
पिता राम को देख भावुक हुए लव कुश

जब से भगवान राम के बारे में लव कुश को पता चला है कि ये ही उनके पिता हैं। तब से वो व्याकुल हैं। अयोध्या में गीत गा रहे लव कुश को जब भगवान ने अपने पास बुलाया तो उनसे मिलकर लव कुश भावुक हो गए और रोने लगे।

10:17 (IST)02 May 2020
वाल्मीकि के कथन अनुसार लव कुश अयोध्या जा कर मां जानकी की कथा सुनाएंगे

लव कुश को पता चल चुका है कि प्रभु श्री राम ही उनके पिता हैं। जिसके बाद वाल्मीकि के कहने पर लव कुश अयोध्या जा कर घर घर में मां जानकी की कथा सुना कर उनके उपर लगे धब्बे को धोना होगा। इस के बाद लव कुश अयोध्या जाकर घर घर मां जानकी के चरित्र पर लगे कलंक को मिटा रहे हैं।

10:12 (IST)02 May 2020
रघुनाथ की सेना से लव कुश के युद्ध की बात सुनकर रो पड़ीं सीता

लव कुश रघुकुल के राजकुमारों से युद्ध की बात सीता को बताते हैंं। सीता जैसे ही सुनती हैं कि लव कुश ने शत्रुघ्न, लक्ष्मण और भरत, हनुमान से युद्ध किया है वह हौरान हो जाती हैं और रो पड़ती हैं। सीता बताती हैं कि हनुमान तो उनका पहला पुत्र है। तुमसे बड़ा। लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न भी मेरे पुत्र हैं। सीता कहती हैं ये तुमने क्या कर दिया। सीता बताती हैं कि राम ही तुम्हारे पिता है। तभी वाल्मीकि भी आ जाते हैं और सच्चाई से अवगत कराते हैं। लव और कुश ये बात सुन रो पड़ते हैं और कहते हैं क्या राम ही हमारे पिता है। लेकिन अभी तक ये बात क्यों छुपाई। वाल्मीकि कहते हैं कि हर चीज के प्रकट होने का समय होता है। और ये समय आ गया है। जाओ और अयोध्यावासियों को सीता के करुण गाथा से परिचित कराओ..

10:05 (IST)02 May 2020
लव कुश ने मांगी प्रभु से क्षमा

प्रभु श्री राम पर शस्त्र उठाने की वजह से ऋषि वाल्मीकि ने लव कुश को समझाया कि ये हमारे राजा है और इन पर शस्त्र उठाना अपराध हैं। अपने राजा से माफी मांगों और इनका अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा वापस करो। इसके बाद लवकुश ने भगवान से क्षमा मांगते हुए घोड़े को छोड़ दिया।

10:00 (IST)02 May 2020
लव कुश ने भगवान से पूछा सीता को क्यों छोड़

भगवान श्री राम युद्ध करने के लिए जब रणभूमि में आए तो वाल्मीकि जी ने उन्हें युद्ध करने से रोक दिया। इसके बाद लव कुश ने भगवाम से पूछा कि आपने माता सीता को क्यों वन में भटकने के लिए छोड़ दिया। इसके जवाब में प्रभु श्री राम ने कहा कि मैंने राजधर्म की वजह से सीता का त्याग किया है।

09:54 (IST)02 May 2020
राम और लव कुश के युद्ध के बीच में आए वाल्मीकि

राम लव और कुश पर बाण चलाने ही वाले होते हैं कि वहां महर्षि वाल्मीकि आ जाते हैं। वह राम से कहते हैं- बालकों की बातों में आकर ये क्या अनर्थ कर रहे हैं आप? प्रभु अपराधी होने पर भी राजा का हाथ नहीं उठता। बाल हठ तो सब करते हैं लेकिन बाल हठ का प्रतिउत्तर राजहठ तो नहीं हो सकता। वाल्मीकि लव और कुश से घोड़ा पकड़ने की वजह पूछते हैं। और कहते हैं कि तुमने एक राजा की अवज्ञा की है। तुमने इनके सामने अस्त्र उठाकर अपने पिता की अवज्ञा जैसा ही कार्य किया है। लव और कुश राम से क्षमा मांगते हैं।

09:46 (IST)02 May 2020
लव कुश ने प्रभु राम को युद्ध के लिए ललकारा

राम लव कुश से कहते हैं कि किस लोभ से तुमने हमारे घोड़े को पकड़ा है। दोनों बालक कहते हैं ना ही लोभ है ना ही राज्य की लालषा है। हमने चुनौती पढ़कर ही पकड़ा है। सारे संसार में आपके सिवाय ना तो कोई क्षत्रिय है ना ही कोई वीर। हम क्षत्रिय हैं इसलिए हमने घोड़े को पकड़ा है। इस चुनौती में अहंकार झलकता है। इसलिए हमने युद्ध करना चाहा। लव कुश राम से युद्ध करने को कहते हैं लेकिन वे युद्ध करने और दंड देने की अवस्था में नहीं होते हैं। यही हाल लव और कुश की भी होती है।

09:41 (IST)02 May 2020
भरत सुग्रीव और हनुमान जी की पराजय की खबर सुनकर स्वयं प्रभु पहुंचे युद्ध करने

राम खुद युद्ध करने जाते हैं। राम कहते हैं दो बालकों ने अयोध्यो के चतुरंगी सेना को धाराशायी कर दिया है। और भरत, सुग्रीव, हनुमान की ऐसी हालत कर दिया है। तुम कोई साधारण बालक नहीं हो। हनुमान राम से कहते हैं कि प्रभु इन बालकों ने ही हमारी सेना का ये हाल किया है।

09:40 (IST)02 May 2020
लव कुश ने दिया हनुमान जी को खाना

लव कुश ने सुग्रीव और भरत जी को मूर्छित करने के बाद हनुमान जी को बंदी बना लिया है। इस दौरान हनुमान जी को खाने के लिए सूखी रोटी दे रहे हैं। लव कुश ने हनुमान जी से कहा कि हम वनवासी हैं अच्छा खाना तो नहीं दे सकते आपको, हमारे पास तो सूखी रोटी है वो ही खिला सकते हैं खा लीजिए। हनुमान जी को खाना खिलाने के लिए लव कुश ने हनुमान जी को बंधन से मुक्त कर दिया है

09:32 (IST)02 May 2020
हनुमान बने बंधक तो सुग्रीव, भरत हुए मूर्छित

लक्ष्मण और शत्रुघ्न के मूर्छित होने के बाद भरत संग हनुमान और सुग्रीव युद्ध कर घोड़े को स्वतंत्र कराने जाते हैं। भरत, सुग्रीव सभी अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हैं लेकिन लव और कुश से घोड़े को आजाद नहीं करा पाते हैं। वहीं लव कुश आखिर में अपनी शक्ति बाणों से सुग्रीव और भरत को घायल कर देते हैं। उधर हनुमान को बंधक बना लेते हैं।

09:20 (IST)02 May 2020
हनुमान जी ने पहचाना लव कुश प्रभु श्री राम और मां सीता के पुत्र हैं

लव और कुश सुग्रीव और हनुमान को उनकी भक्ति और वीरता को याद कर प्रणाम करते हैं। हनुमान कहते हैं कि हम प्रभु की आज्ञा से यहां आए हैं इसलिए बिना घोड़ा लिए तो जाएंगे नहीं। हनुमान कहते हैं कि घोड़े के साथ आप भी चलिए। हनुमान अपनी दिव्य दृष्टि से पता लगा लेते हैं कि ये दोनों बालक सियाराम के पुत्र है। लव कुश कहते हैं कि हमने सुना था कि आप वीर हैं लेकिन आप चतुर भी हैं। हम आपकी बातों में नहीं आने वाले हैं। हनुमान कहते हैं कि, परंतु आपने तो परिचय दिया ही नहीं। माता पिता का नाम क्या है, क्या बताएंगे। लव और कुश कहते हैं यहां हमारी शादी की बात नहीं हो रही है कि हम यहां अपना गोत्र बताएं। जाइए और राम को भेजिए।

09:16 (IST)02 May 2020
लव कुश से युद्ध करने पहुंचे भरत, सुग्रीव और हनुमान जी

लव कुश से युद्ध करने भगवान के अनन्य भक्त हनुमान जी और किशकिंदा नरेश सुग्रीव के अलावा उनके छोटे भाई भरत भी पहुंचे हैं।



09:11 (IST)02 May 2020
शक्ति बाण लगने से लक्ष्मण हुए घायल

लक्ष्मण और लव कुश के बीच युद्ध छिड़ जाता है। इस युद्ध में लक्ष्मण भी शक्ति बाण लगने से घायल हो जाते हैं। इसके बाद राजमहल से भरत के साथ सुग्रीव और हनुमान भी युद्ध स्थल पर पहुंचते हैं। उधर, वाल्मीकि भी सीता के लिए संगम तट पर अनुष्ठान करा रहे होते है। 

09:05 (IST)02 May 2020
महारानी सीता का क्या दोष था जो इतना बड़ा दंड दिया गया

लक्ष्मण लव कुश से कहते हैं कि निर्दोषों को दंड नहीं दिया जाता। लक्ष्मण से ऐसी बात सुन लव कुश कहते हैं कि फिर सीता का क्या दोष था जो उन्हें इतना बड़ा दंड दिया गया। लक्ष्मण दो नन्हें बालकों से ऐसी बात सुन हैरान हो जाते हैं। लक्ष्मण पूछते हैं कि तुम कौन हो? इस पर लव कुश कहते हैं अपराधी जो अश्व को पकड़ने का अपराध किया है। लक्ष्मण कहते हैं तुम्हें नहीं पता कि मैंने इंद्रजीत को मारा है। दोनों तरफ से युद्ध छिड़ जाता है।

08:51 (IST)02 May 2020
सीता की जगह उनकी प्रतिमा का इस्तेमाल कर पूरा होता है अनुष्ठान

राम जी सीता जी की सोने की मूर्ति बनवाते हैं। और अश्वमेध यज्ञ करने का निर्णय ले लिया। वह ऋषियों-मुनि, बुद्धिजीवियों, प्रांतों को राजाओं को सादर आमंत्रित करते हैं। इधर अश्वमेध के यज्ञ की बात सीता को पता चलती है, वहीं सीता को ये भी बताया जाता है कि अब श्रीराम का विवाह किया जा सकता है। यह सुन कर सीता को धक्का लगता है।