Shri Krishna 5th May 2020 Episode 3 Online Update: कंस अपनी बहन देवकी की शादी वासुदेव संग होने के बाद वह उसे ससुराल छोड़ने जाता है। बहन के स्नेह में कंस ये सब करता है लेकिन रास्ते में ही उसे आकाशवाणी सुनाई देती है कि इतनी प्रसन्नता से रथ में जिसे बैठा कर ले जा रहा है उसी देवकी की आठवीं संतान तुझे मार डालेगा। आठवां पुत्र तेरा काल होगा और तुझे मार डालेगा। कंस कहता है मेरा काल, मुझे मार डालेगा। जिससे देवता कांपते हैं उसे देवकी की आठवीं संतान मार डालेगा। ऐसा कह कंस हंसने लगता है। कहता है मैं इसके मूल को ही नष्ट कर देता हूं। ना रहेगी देवकी ना संतान होगा। बहन और बहनोई के वध की कोशिश में कंस सफल नहीं होता है लेकिन वह उन्हें कारावास में डाल देता है।

मधुरा के राजा उग्रसेन को जब ये बात पता चलती है कि उसने अपनी ही बहन देवकी की हत्या करने की कोशिश की तो बहुत क्रोधित होते हैं। सेनापति कंस को बुलाते हैं और उसपर काफी क्रोधित होते हैं और कहते हैं कि तुम्हे लज्जा भी नहीं आई एक बहन और स्त्री पर तलवार उठाने में। कंस कहता है कि मेरा धर्म प्राणों की रक्षा करना है और जब कभी भी लगेगा कि किसी भी स्त्री और बच्चे से मेरे प्राण को खतरा है तो मैं उसे नष्ट कर दूंगा। उग्रसेन कंस को देवकी और वासुदेव को रिहा करने को कहते हैं। कंस काफी अपमानित महसूस करता है।

कंस आखेट के बहाने बाणासुर से मिलने पहुंचता है। वह आकाशवाणी की पूरी बात सामने रखता है। बाणासुर वासुदेव देवकी और उग्रसेन की हत्या करने को कहता है। लेकिन कंस कहता है ये इतना आसान नहीं। फिर बाणासुर कहता है कि फिर मेरी सेना दूसरे वेश में मथुरा पहुंच महल के तहखाने में छिपी रहेगी और मौका देखते ही उग्रसेन की हत्या कर देंगे। कंस ये सुन काफी खुश होता है और कहता है कि एक बार महाराज मेरे रास्ते से हट जाएं तो पूरे मथुरा की सत्ता मेरे हाथों में होगी।

4 मई के एपिसोड में आपने देखा कि शादी के बाद देवकी अपनी मां से कहती है कि उसके मन में एक भय सा है, ऐसा लग रहा है कि कोई घटना घटने वाली है। तभी कंस कक्ष में आता है वह भी कहता है कि मुझे भी ऐसा ही भय लग रहा है। कंस की चाची कहती हैं कि तुम जैसे वीर योद्धा का ऐसा कहना सही नहीं। तभी कंस कहता है चाची आप सही कहती हैं। कंस आशंका जतता है कि अगर ससुराल में किसी ने तुमसे कुछ कहा तो मुझे बताना। तुम कंस की बहन हो। याद रखना।

 

 

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Highlights

    21:55 (IST)05 May 2020
    देवकी ने जन्म दिया पहला पुत्र, वासुदेव ने वचन के तहत कंस को सौंपा बालक

    देवकी अपने पहले पुत्र को जन्म देती है। वह पुत्र को लेकर चिंतित होती है। वहीं वासुदेव को भी कंस को दिए वचन की याद आती है कि सभी बालक उसे सौंप देंगे। वासुदेव देवकी को काफी समझा बुझाकर पहले पुत्र को कंस को सौंप देते हैं। देवकी अपने पुत्र को लेकर बिलखती रह जाती है लेकिन.. 

    21:35 (IST)05 May 2020
    बाणासुर से मिल कंस ने राजा उग्रसेन की मृत्यु का रचा षड्यंत्र

    कंस आखेट के बहाने बाणासुर से मिलने पहुंचता है। वह आकाशवाणी की पूरी बात सामने रखता है। बाणासुर वासुदेव देवकी और उग्रसेन की हत्या करने को कहता है। लेकिन कंस कहता है ये इतना आसान नहीं। फिर बाणासुर कहता है कि फिर मेरी सेना दूसरे वेश में मथुरा पहुंच महल के तहखाने में छिपी रहेगी और मौका देखते ही उग्रसेन की हत्या कर देंगे। कंस ये सुन काफी खुश होता है और कहता है कि एक बार महाराज मेरे रास्ते से हट जाएं तो पूरे मथुरा की सत्ता मेरे हाथों में होगी।

    21:26 (IST)05 May 2020
    उग्रसेन ने कंस को देवकी-वासुदेव को रिहा करने का फरमान सुनाया

    मधुरा के राजा उग्रसेन को जब ये बात पता चलती है कि उसने अपनी ही बहन देवकी की हत्या करने की कोशिश की तो बहुत क्रोधित होते हैं। सेनापति कंस को बुलाते हैं और उसपर काफी क्रोधित होते हैं और कहते हैं कि तुम्हे लज्जा भी नहीं आई एक बहन और स्त्री पर तलवार उठाने में। कंस कहता है कि मेरा धर्म प्राणों की रक्षा करना है और जब कभी भी लगेगा कि किसी भी स्त्री और बच्चे से मेरे प्राण को खतरा है तो मैं उसे नष्ट कर दूंगा। उग्रसेन कंस को देवकी और वासुदेव को रिहा करने को कहते हैं।

    21:17 (IST)05 May 2020
    कंस ने बहन-बहनोई को बनाया बंदी

    कंस को वासुदेव बहन की हत्या करने से किसी तरह से रोक लेते हैं। लेकिन कंस वासुदेव के राजमहल को बंदीगृह में तब्दील कर देता है और देवकी वासुदेव को बंदी बना उनके चारों तरफ सेना के पहरे लगा देता है।

    21:09 (IST)05 May 2020
    आकाशवाणी सुन बहन पर कंस ने ताना तलवार

    आकाशवाणी सुन कंस बहन देवकी को मारने जाता है। तभी वासुदेव उसे रोक लेते हैं। कहते हैं कि आप क्या कर रहे हैं अपनी बहन को मार रहे हैं। कंस वासुदेव को हट जाने के लिए कहता है। मैं अपनी मृत्यु के मूल को ही नष्ट कर दूंगा। आप जैसे शूरवीर को ये शोभा नहीं देता। ऊपर से ये एक विवाहिता है। वासुदेव कंस से कहते हैं कि अगर आकाशवाणी है कि आठवां पुत्र आपकी हत्या करेगा तो मैं अपने हाथों से एक-एक संतान को आपके हाथों में सौंप दूंगा। कंस को वासुदेव बातों से मना लेते हैं लेकिन कंस भवन में कैद करने की आज्ञा देता है।

    20:53 (IST)05 May 2020
    अहंकार में चूर कंस

    कंस को आकाशवाणी से पता चलता है कि देवकी की आठवीं संतान ही उसका काल बनेगा, फिर भी कंस अपने अहंकार में चूर होता है। वह कहता है कि मेरा काल, मुझे मार डालेगा। जिससे देवता कांपते हैं उसे देवकी की आठवीं संतान मार डालेगा। ऐसा कह कंस हंसने लगता है और फिर कहता है कि मैं इसके मूल को ही नष्ट कर देता हूं। ना रहेगी देवकी ना संतान होगा। बहन और बहनोई के वध की कोशिश में कंस सफल नहीं होता है लेकिन वह उन्हें कारावास में डाल देता है।

    20:47 (IST)05 May 2020
    वासुदेव राजा शूरसेन यादव वंशी थे

    देवकी का विवाह शूरसेन के पुत्र वासुदेव के साथ होता है। वासुदेव राजा शूरसेन यादव वंशी थे और उनके छोटे भाई का नाम 'पार्जन्य' था। पार्जन्य और शूरसेन महाराज देवमीढ़ की संतान थे। पार्जन्य के नौ पुत्र थे, जिसमें से तीसरे पुत्र का नंदबाबा थे। इस तरह वसुदेव और नंदबाबा दोनों यादववंशी थे और चचेरे भाई भी।