धार्मिक सीरियल तो टीवी पर बहुत आए और गए लेकिन 80 के दशक में आए रामानंद सागर के सीरियल ‘रामायण’ ने लोगों के दिल पर एक अलग ही छाप छोड़ी थी। कोरोनावायरस के चलते इस वक्त देशभर में लॉकडाउन चल रहा है। इस बीच दूरदर्शन पर एक बार फिर रामायण का प्रसारण किया जा रहा है। इस दौरान रामायण ने कई सालों बाद भी टीआरपी के कई सारे रिकार्ड ब्रेक किए हैं तो वहीं दूसरी ओर शो से जुड़ी कई और बातें सामने आ रही हैं। हाल ही में शो में रावण बन कर लोकप्रियता बटोर चुके अभिनेता अरविंद त्रिवेदी ने बताया कि वो शो में केवट के रोल के लिए गए थे।

मूल रूप से मध्यप्रदेश के रहने वाले अरविंद त्रिवेदी 250 से भी ज्यादा गुजराती फिल्मों में काम कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि वो शो में केवट के रोल के लिए गए थे और सभी की मांग थी की शो में रावण के रोल के लिए अमरीश पुरी पूरी तरह फिट हैं। उन्होंने कहा लेकिन जब मैं केवट का ऑडिशन दे कर जा रहा था तो मेरी, चाल और बॉडी लैंग्वेज देख कर रामानंद सागर ने कहा कि मुझे मेरा रावण मिल गया और इस प्रकार मुझे ये रोल मिला।

इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि वो निजी जिंदगी में भगवान राम और शिव के भक्त हैं। इसी वजह से वो शूटिंग के लिए जाते वक्त हमेशा उनकी अराधना करते थे। इतना ही नहीं क्योंकि शो में उनके किरदार की मांग के हिसाब से लंकेश होने के नाते उन्हें भगवान राम को अपशब्द बोलने होते थे, जिस वजह से वो शूटिंग के दौरान हमेशा उपवास रखते थे।

बता दें अरविंद त्रिवेदी के अभिनय को इस कदर सराहना मिली थी कि उन्हें लोग सचमुच का रावण समझने लगे थे। रावण के किरदार में उनका चलने का अंदाज बात करने का अंदाज और चेहरे के हाव-भाव जबरदस्त थे। इतना नहीं रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी 1991 में गुजरात की साबरकांठा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे इसके अलावा 2002 में उन्हें भारतीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफ़सी) (CBFC)के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जा चुका है।