‘महाभारत’ में कर्ण का किरदार निभाने वाले अभिनेता पंकज धीर का बुधवार को निधन हो गया। उनके निधन के बाद फिल्म इंडस्ट्री से लेकर दर्शकों तक, सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस बीच उनके सह-कलाकार मुकेश खन्ना ने भी अपने पुराने साथी को याद किया और उनसे जुड़ी कई बातें साझा कीं।
मुकेश खन्ना बी आर चोपड़ा की महाभारत में भीष्म पितामह के रोल में नजर आते थे। एक्टर ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने पंकज धीर के साथ ‘महाभारत’ के दिनों को याद किया। उन्होंने बताया कि पंकज धीर की मौत बहुत अचानक हुई। मुकेश ने बताया कि करीब एक साल पहले उन्होंने पंकज को अपने पॉडकास्ट के लिए इंटरव्यू करने के लिए मनाया था, क्योंकि उस समय पंकज बीते दिनों और ‘महाभारत’ के बारे में बात नहीं करना चाहते थे। आखिरकार उन्होंने उन्हें मना लिया और इंटरव्यू किया।
मुकेश ने बताया कि कुछ महीने पहले जब उन्होंने दोबारा इंटरव्यू के लिए संपर्क किया, तो पंकज ने मना कर दिया, और तभी उन्हें पता चला कि वे बीमार हैं।
मुकेश खन्ना ने यह भी खुलासा किया कि शुरू में वे खुद ‘कर्ण’ या ‘अर्जुन’ की भूमिका निभाना चाहते थे, लेकिन अंत में उन्हें ‘भीष्म पितामह’ का किरदार मिला। उन्होंने कहा, “भगवान ने मुझे भीष्म का रोल दिया, और फिर पंकज मेरे सामने कर्ण बनकर आए।”
उन्होंने आगे बताया, “पंकज धीर ने अपने करियर की शुरुआत मेरी पहली फिल्म ‘रूही’ से असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में की थी। उस समय उन्हें सिर्फ 300 रुपये महीना वेतन मिलता था। वे बहुत ईमानदारी और मेहनत से काम करते थे। उनका बोलने का तरीका बहुत अलग और स्टाइलिश था। बाद में हमने साथ में ‘सौगंध’ और ‘पांडव’ जैसी फिल्मों में भी काम किया। वह मुझे ‘एमके’ कहकर बुलाते थे, उन्हें अच्छा खाना बहुत पसंद था और वे हमेशा अच्छे कपड़े पहनते थे।”
मुकेश खन्ना ने बताया कि भले ही पंकज के पिता फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े थे, लेकिन उन्होंने खुद के दम पर संघर्ष किया और सफलता हासिल की। उन्होंने कहा, “हाल के वर्षों में हमारे कई ‘महाभारत’ कलाकार- जैसे गूफी पेंटल (शकुनी) और प्रवीण कुमार (भीम) अब इस दुनिया में नहीं रहे, और अब पंकज धीर भी चले गए।”
मुकेश खन्ना ने एक दिलचस्प बात भी साझा की- “पंकज ने असली ‘महाभारत’ कभी नहीं पढ़ी थी। उन्होंने सिर्फ ‘मृत्युञ्जय’ नाम की किताब पढ़ी थी, जो कर्ण के दृष्टिकोण से लिखी गई थी। इसी वजह से उन्हें अक्सर लगता था कि ‘महाभारत’ में कई दृश्य गायब हैं जो उन्होंने उस किताब में पढ़े थे।”
मुकेश ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं उन्हें मज़ाक में ‘कॉन्वेंट पांडव’ कहकर बुलाता था, क्योंकि उन्होंने असली ‘महाभारत’ नहीं पढ़ी थी। लेकिन फिर भी उनका अभिनय इतना शानदार था कि हर कोई आज तक उन्हें ‘कर्ण’ के रूप में याद करता है।”