‘जी टीवी’ पर प्रसारित होने वाले शो ‘कुमकुम भाग्य’ के 18 अक्टूबर के एपिसोड में सरला अपने घर पर प्रज्ञा का इंतजार कर रही है। क्योंकि त्योहार के दिन भी काफी समय हो जाने के बाद भी घर वापस नहीं आई थी। सरला कहती है प्रज्ञा की शादी के बाद हर दशहरा के दिन हमलोग अभि के यहां जाते थे। ऐसा तो नहीं कि वो वहां पहुंच गई हो। वो जानकी के साथ वहां जाती हैं। प्रज्ञा को फोन लगाते हैं पर वो फोन नहीं उठाती है। इसके बाद सरला पूरब को फोन करती है। वो कहता है कि वो अभि के घर पर दशहरा की तैयारी में हैं। सरला उसे बोलती है कि वो उससे मिलना चाहती है इसलिए वो वहां आ रही है। सरला ने उसकी बातों से पता लगा लिया कि प्रज्ञा वहां नहीं है। जानकी के मना करने के बाद भी सरला ने कहा कि वो वहां जाकर तसल्ली करना चाहती है। इधर दशहरा में अभि को पिछले साल का दशहरा के बारे में याद आता है। वो रावण के पुतले को देखता है। प्रज्ञा उसे बोलती है कि वो रावण को ऐसे क्यों घूर रहे हैं। इस पर अभि उसे बोलता है कि उसे ये सब कुछ जाना पहचाना लगता है उसे कुछ कुछ याद आ रहा है लेकिन सब कुछ धुंधला सा है। वो बोलता है कि वो ये सीन पहले भी देख चुका है और वो उस वक्त परेशान था।  प्रज्ञा सोचती है कि वो अपने दिमाग पर जोर डाल रहे हैं कहीं उनकी तबीयत ना खराब हो जाए। ये सोचकर वो उसे बातों में बहलाने की कोशिश करती है। दोंनों स्टुपिड सी बातें कर के काफी हंसते हैं।

 

तभी वहां पूरब, अभि को बुलाने आता है कि उसे स्पांसर याद कर रहे हैं। इधर दादी सोच रही है कि प्रज्ञा अपने घर वालों को बता कर आई है या नहीं अगर नहीं तो उसने अपने घर पर झूठ क्यों बोला। ये सोच वो पूरब को बात करने के लिए बुलाती है। वो उससे पूछती हैं कि क्या प्रज्ञा के घर वालों को पता है कि प्रज्ञा यहां अभि की सेक्रेटरी बन कर जॉब कर रही है। पूरब उन्हें बोलता है कि प्रज्ञा ने उन्हें बस इतना बताया है कि उसकी जॉब अभि ने ही लगवाई है। इस पर दादी उसे बोलती है कि वो प्रज्ञा से ही इस बारे में पूछ लेगी।

इधर आलिया और तनु, प्रज्ञा के बारे में बात कर रहे हैं। तनु बोलती है कि प्रज्ञा को जल्दी से जल्दी से मर जाना चाहिए। उससे अब बरदाश्त नहीं हो रहा है। आलिया उसे बोलती है कि वो बहुत ही बेसब्र हो रही है । ये कोई खेल नहीं है कि जो जब चाहे तब हो जाए। अभि अपने क्लायंट से कुछ बात कर रहा है। वो प्रज्ञा को अपने पास से दूर कर देता है कि उसे कुछ जरूरी बात करनी है। वो वहां से चली जाती है। तभी वहां एक आदमी उसे अभि की तरफ आता हुआ दिखाई देता है। प्रज्ञा उसे देखकर इन्सिक्योर हो जाती है। वो अभि के पास चली जाती है। यहां अभि उसे फिर से अपने पास देख लेता है तो उसे डांट लगाता है कि उसे समझ नहीं आता कि वो कुछ जरूरी बात कर रहा है। वो उसे कहता है कि वो जान बूझ कर उनकी बातें सुनना चाहती है।

तभी अभि, प्रज्ञा को एक जगह पर शांत खड़ा रहने को कहता है। वो समझ नहीं पाती है कि बात क्या है। वो बोलता है शूटर यहां तक आ गया है वो हिलेगी तो शूटर को पता चल जाएगा कि वो उनके बारे में बातें कर रहे हैं। प्रज्ञा भागने को कहती है। इस पर अभि उसे बोलता है कि अगर वो भागेंगे तो उसके शिकार हो जायेंगे। शूटर के गोली चलते ही अभि प्रज्ञा को लेकर जमीन पर लेट जाता है।

सरला और जानकी भी वहां पहुंच जाते हैं। जानकी उसे कहती है कि पूरब को बाहर बुलाते हैं। सरला ने कहा कि वो घर के अंदर जाकर देखना चाहती है। वो कहती है कि हम दोनों मुंह ढक कर अंदर जायेंगे। कोई उन्हें नहीं पहचानेगा। अभि की दादी, अभि को देखकर बोलती है कि उसे कुछ हुआ तो नहीं। आलिया उससे पूछती है कि उसने शूटर को देखा कैसे। अभि उसे बताता है कि शूटर ने साईलेंसर से रावण के पीछे से शूट किया था। तनु बोलती है कि अच्छा हुआ जो उसे कुछ हुआ नहीं। वो अब उसे अकेला नहीं छोड़ेगी और आने वाली मुसीबत अपने उपर ले लेगी। प्रज्ञा भी दादी को यकीन दिलाती है कि अभि के साथ जब तक वो है उसे कुछ नहीं होगा। अभि इंस्पेक्टर से पूछता है कि उन्हें किसी का पता चला या नहीं। राज भी उन पर काफी चिल्लाता कि उनकी सिक्योरिटी के बावजूद हमला कैसे हुआ। आलिया कहती है कि हो सकता है कि उनके दिमाग में प्रैंक कॉल वाला वहम बैठ गया हो। ये सुन कर दादी आलिया को बोलती है कि वो अभि को पागल समझती है। दादी अभि को वहां से घर चलने को कहती है लेकिन वो मना कर देता है।

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