‘सोनी टीवी’ पर प्रसारित होने वाले शो ‘कुछ रंग प्यार के ऐसे भी’ में आपने देखा कि देव और सोना सबके लिए गिफ्ट लेकर आते हैं। नेहा ये कहकर वहां से अपने कमरे में चली जाती हैं कि उसके सिर में दर्द है। देव, मां से शॉपिंग के बारे में पूछता है। उसकी मां कहती है कि उसने अच्छी शॉपिंग की है। सौरभ के पापा, सौरभ को कुछ पैसे देते हैं और कहते हैं कि वो अपने उधार के पैसे जल्दी से चुका दे। अगर वो ऐसा नहीं करता है तो वे गुंडे उनके घर पर आ जायेंगे जो उन्हें बरदाश्त नहीं होगा। निकी, सोना से देव की शिकायत करत हुए कहती है कि वो उन्हें अपने साथ कहीं घूमने को लेकर नहीं जाते हैं।

वो सोनाक्षी से फरमाईश करती है कि वो जब पेरिस जायेंगी तो उनके लिए क्या क्या शॉपिंग कर के लायेंगी। यहां सोना की बहन भी है वो सोना को कहती है कि उसे कुछ नहीं चाहिए। सोना की बहन उसे अपने घर पर चल रही प्रॉब्लम्स की वजह से कुछ नहीं बताती। जाते हुए रास्ते में सोना की बहन को विकी मिलता है। वो उसे अपने झांसे में लेने की कोशिश करता है लेकिन वो उसे कुछ भाव नहीं देती है। वो सोचता है कि वो उससे बात कर के ही रहेगी।

इधर ईश्वरी को उदास देखकर देव उनसे पूछता है कि उसे क्या हुआ है। इस पर उसकी मां कहती है कि वो एक ही बात बार-बार नहीं कहना चाहती है। वो कहती है कि वो जब से घर में आया है घर पर उसकी हनीमून की बाते ही चल रही है। वो कहती है कि उसे अपनी बहन के बार में भी सोचना चाहिए। वो अपनी बहन को ऐसे देखते हुए कैसे अपने जिंदगी की खुशियां सेलिब्रेट कर सकता है। मां कहती है कि नेहा यहां खुश नहीं है और देव उसके सामने अपनी खुशियां मना रहा है। वो कहती है कि उसे अपने बेटे से ये उम्मीद नहीं थी।

सौरभ के पापा, सौरभ को कहते हैं कि उसे कुछ और जॉब करनी चाहिए। चाय पीते हुए ईश्वरी को उसके भाई समझाते हैं कि देव अब बच्चा नहीं है और उसे उसकी चिंता नहीं करनी चाहिए। वो कहती है कि देव उसके बगैर इतने दिन तक उससे दूर कैसे रह सकता है। उनके भाई कहते हैं कि अगर वो उसे अपने पल्लू से नहीं छुड़ा सकती तो उसे उसकी पत्नी के पल्लू से बांध देना चाहिए। दूसरी तरफ सोनाक्षी और देव ट्रिप की तैयारी कर रहे हैं। देव यहां मां की बातों को सोचता है जो उन्होंने नेहा के लिए कही थीं। ईश्वरी, नेहा को रोते हुए देख कर उससे वजह पूछती हैं। वो कहती है कि उसकी जिंदगी में ना ही प्यार पूरा है और ना ही खुशियां पूरी हैं। देव, ईश्वरी के कमरे में आता है। वो उन्हें परेशान देख कर पूछता है। वो कहता है कि ऐसी गलती वो फिर नहीं करेगा लेकिन वो उसकी गलती के लिए खुद को सजा नहीं दे। उसकी मां कहती है कि उसे अपनी गलती का एहसास है यही उसके लिए काफी है। ईश्वरी कहती है कि वो सबसे इतना प्यार करता है फिर भी 15 दिनों के लिए उन सब से दूर जा रहा है। देव इस पर फैसला करता है कि वो हनीमून पर नहीं जाएगा।

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