25 नवंबर से देश के किसान नए कृषि बिलों के विरोध में सड़कों पर हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी कोई हल नहीं निकल पाया। बॉलीवुड फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री ने किसान आंदोलन पर सवाल उठाए हैं। विवेक अग्निहोत्री ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि किसान आंदोलन के पीछे कौन है ?’
विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा है,’किसानों के प्रदर्शन के पीछे कौन है ? आई एस आई, कांग्रेस, चीन, खालिस्तानी, जिहादी, भ्रमित बॉलीवुड वाले, दलाल, कॉमी या आम आदमी पार्टी।’ विवेक अग्निहोत्री के इस ट्वीट पर यूजर्स के तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं।
एक ट्विटर यूजर ने लिखा है,’किसान विरोधी बिलों के पीछे कौन हैं ? अंबानी-अडानी , संघी किसके लिए काम कर रहे हैं ? अंबानी-अडानी।’ देशबीर सिंह नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है,’ठीक है भाई, मध्यप्रदेश में किसान की 5 करोड़ की फसल लेकर भाग गए बायर्स । उसके ऊपर भी कुछ बोलो भाई।’ एक अन्य ट्वीट यूजर ने लिखा है,’बाॅलीवुड को मिसगाइज्ड प्रीफिक्स क्यों दिया ? जो इन कार्यों में लिप्त हैं वह कोई इनोसेंट बच्चे तो हैं नहीं। वो पूरे व्यस्क हैं जिन्होंने डॉलर के लिए अपनी आत्मा बेच दी। उनपर इतने सॉफ्ट क्यों हो ?’
Who is behind #FarmersProtest?
1. ISI
2. Congress
3. China
4. Khalistani
5. Jehadi
6. Misguided Bollywoodiyas
7. Dalal
8. Commies
9. AAP10. All of the above – also known as #UrbanNaxals
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) January 6, 2021
रविंद्र डबास नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है,’किसान इतना बेवकूफ नहीं है कि उसे कोई भी अपने फ़ायदे के लिए इस्तेमाल कर ले, किसान अपना भला-बुरा समझता है, तुम्हें ये दिखाई नहीं दिया कि इतने दिनों से ये इतनी ठंड में सड़क पर कैसे गुज़ार रहे हैं, बिना ज़मीर का आदमी मृत के समान होता, अपना ज़मीर ज़िंदा रखकर लिखिए।’ एक अन्य ट्विटर यूजर में लिखा है,’इनको समझ नहीं आएगा क्योंकि ना उनको 57 किसान मरे हुए किसान दिखे, ना इतनी ठंड में रोड़ पर बैठे हुए किसान दिखे, इनको हर जगह किसानों को बदनाम करने का मौका चाहिए।’
जेन गिल नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है,’ओ भाई कोई कॉमन सेंस नाम की चीज है। रेशनल बन जाओ थोड़े से, माना तुम्हारी कुछ थियोरी में वजन होता है पर हर चीज को एक ही ब्रश के साथ रंग मत करो।’ अशोक नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है,’किसान आंदोलन से किसान अपने घर चले गए हैं। वहां सिर्फ स्वार्थी तत्व रह चुके हैं,कहने का मतलब है कि वहां राजनीति हो रही है।’