हिंदू देवी- देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के आरोप में गिरफ्तार हुए स्टैंड अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी की जमानत याचिका पर सोमवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति रोहित आर्य की एकल पीठ ने कहा कि ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा, ‘आप किसी और की धार्मिक भावनाओं का गलत फायदा क्यों उठाते हो? आपकी विचारधारा के साथ क्या दिक्कत है? बिज़नेस के लिए आप ऐसा कैसे कर सकते हैं?’ इस टिप्पणी के साथ जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
मध्य प्रदेश कोर्ट की इस टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर लोग खूब प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोग कोर्ट की इस टिप्पणी से नाखुश हैं। बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि वो शर्मिंदा हैं। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा, ‘मुझे माफ़ कर दो मुनव्वर..ये देश, इसके संस्थान और इसके नागरिकों ने तुम्हें निराश किया है। मुझे खेद है और मैं शर्मिंदा हूं।’
उनके इस ट्वीट पर लोग भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। लूसिफ़र नामक यूज़र ने लिखा, ‘मुझे माफ़ कर दो मुनव्वर फारुकी क्योंकि तुम्हारे पूर्वजों ने इस देश के लिए लड़ाई नहीं की। उन्होंने दूसरे देश के लिए लड़ा और वो उन्हें मिला। माफ़ करना लेकिन तुम्हारे पास एक गलत देश की नागरिकता है।’ व्हाटसएप यूनिवर्सिटी नामक ट्वीटर हैंडल से लिखा गया, ‘अगर मुनव्वर फारूकी का नाम कपिल मिश्रा होता तो वो अरेस्ट नहीं किया जाता।’
I’m sorry Munawwar.. this country and its institutions and your fellow citizens have let you down. I’m sorry and I’m ashamed. #munawarfaruqi
— Swara Bhasker (@ReallySwara) January 25, 2021
मेंदर्क नाम से एक यूज़र ने लिखा, ‘मुझे माफ़ कर दो प्रियम व्यास, प्रखर व्यास, नलिन यादव और एडविन थॉमस। चूंकि आप लोग भी जेल में हैं, उसी गलती के लिए जो मुनव्वर फारूकी ने की लेकिन हमारे लिबरल लोग आपके लिए आंसू नहीं बहाएंगे, क्योंकि हम एक सेक्युलर देश हैं। हम स्वरा भास्कर जैसे हाइपॉक्रेट्स पर शर्मिंदा हैं।’
राजीव पटेल ने लिखा, ‘मोहतरमा नागरिकता का त्याग कर सकती हैं आप, अगर आप देश के नागरिकों, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतांत्रिक सरकार से इतनी ही दुखी हैं तो। बाकी वर्तमान समय में संवैधानिक संस्थाएं सुदृढ़ हैं।’ सलीम खान लिखते हैं, ‘इंदौर के जज साहब यहां बोल रहे हैं कि ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए जिसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है पुलिस के पास। सिर्फ मुसलमान नाम ही काफी है।’