सुल्तान का नीरस संगीत सुनने के बाद लगता है अरिजीत सिंह की एक आवाज कम से कम इस फिल्म के संगीत को एक अच्छा गीत दे पाती। अरिजीत को अब माफी मांगनी बंद करनी चाहिए। सलमान खान और अनुष्का शर्मा की फिल्म सुल्तान का संगीत बेहद औसत है। गानों की धुन और बोल में कुछ भी ऐसा खास नहीं है जो इस फिल्म की एलबम को सुनने लायक बना सके। विशाल-शेखर इस समय बॉलीवुड के सबसे अच्छे संगीतकारों में से एक हैं। शेखर जहां भारतीय शास्त्रीय संगीत की समझ रखते हैं तो वहीं विशाल पश्चिम के संगीत और इल्क्ट्रो-रॉक में माहिर हैं। साथ में विशाल-शेखर ने कई फिल्मों जैसे- कहानी, ओम शांति ओम, शंघाई में स्वयं को साबित किया है लेकिन सुल्तान उन्हें रसातल में ले जाएगी।
एलबम शुरू होती है गीत” बेबी को बस पसंद हैं” से, इरशाद कामिल ने अच्छी कोशिश की है लेकिन गाने में कुछ भी खास नहीं है। यह गाना सलमान खान के दूसरे पार्टी सांग की तरह ही है। इसके बाद राहत फतह अली खान ( जिन्हें अरिजीत सिंह की जगह लिया गया) का गीत ‘जग घूमाया’ है। यह रोमंटिक गाना 1990 के दशक के गानों की याद दिलाता है। इस गीत का फिमेल वर्जन नेहा बासिन ने गाया है जो ज्यादा बेहतर लगता है। इसके बाद मिका सिंह का गीत “440 वॉल्ट” आता है। यह गीत भी बेहद औसत है। इस एलबम की सबसे अच्छी लाइन फिल्म के टाइटल साँग से आती है। ” खून में तेरी मिट्टी, मिट्टी में तेरा खून…ऊपर अल्लाह..नीचे धरती बीच में तेरा जुनून” यह गीत गाया है सुखविंदर और शदाब फरीदी ने। इस गाने के बाद गीत ‘तुक-तुक’ नूरन बहनें और विशाल ने गाया है। विशाल ने ज्योती और सुल्ताना नूरन के साथ रैप किया है जो अच्छा है। इसके बाद मोहित चौहान और हर्षदीप कौर का हरियाणी गीत आता है। जो इस एलबम के दूसरे गीतों के तुलमा में थोड़ा बेहतर है।