दिग्गज अभिनेत्री सुलोचना लाटकर का 94 साल की उम्र में निधन हो गया है। उनकी तबीयत पिछले कुछ समय से खराब चल रही थी और अब 94 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। कुछ दिन पहले ही उन्हें दादर के सुश्रुषा अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। तब से ही उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। कोशिश पूरी हुई, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

नहीं रहीं सुलोचना, रचे कई कीर्तिमान

सुलोचना लाटकर उन कुछ गिनी चुनी अभिनेत्रियों में शुमार रहीं जिन्होंने हिंदी के साथ-साथ मराठी सिनेमा में भी अपनी कला का लोहा मनवाया। उनका अभिनय ऐसा रहा कि सभी का दिल जीत ले गया। वो सादगी, वो संजीदगी, अपने कई दशक के करियर में सुलोचना ने कई कीर्तिमान स्थापित किए थे। बॉलीवुड के हर बड़े अभिनेता के साथ उन्होंने काम किया था, फिर चाहे महानायक अमिताभ बच्चन रहे हों या फिर हैंडसम हंक धर्मेंद्र।

1940 में शुरुआत, दिलीप कुमार के साथ काम

1940 में मराठी सिनेमा से एक्टिंग में दस्तक देने वालीं सुलोचना ने कई हिंदी फिल्मों में भी यादगार किरदार निभाए। फिर चाहे उनकी शमी कपूर के साथ दिल देके देखो रही हो या फिर दिलीप कुमार की आदमी। देव आनंद की जॉनी मेरा नाम में भी उनके काम को काफी सराहा गया था। बड़ी बात ये रही इन सभी फिल्मों में सुलोचना मां के किरदार में थीं, यानी कि इस पवित्र रिश्ते में ही अगर किसी ने सही मायनों में जान डाली थी तो वो सुलोचना रहीं।

कल शिवाजी पार्क में अंतिम संस्कार

अब जब उनका निधन हो गया है, उनकी बेटी कंचन ने इंडियन एक्सप्रेस से बात की है। कंचन ने कहा कि मेरी मां को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं रहीं, उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। उनका शाम 6 बजे निधन हो गया। अभी के लिए सोमवार को शाम साढ़े पांच बजे सुलोचना का अंतिम संस्कार शिवाजी पार्क में किया जाएगा। माना जा रहा है कि बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियां उस मौके पर शिरकत करेंगी।

वो इच्छा जो पूरी नहीं हो पाई

आखिरी पर सुलोचना को संजय लीला भंसाली की फिल्म बाजीराव मस्तारी में देखा गया था। वैसे एक्ट्रेस की एक इच्छा, इच्छा ही रह गई। वे बड़े पर्दे पर अहिल्या बाई होल्कर का किरदार निभाना चाहती थीं, वे झांसी की रानी बनना चाहती थी, लेकिन उम्र ने उनका साथ नहीं दिया। एक इंटरव्यू में सुलोचना ने कहा था कि वे अगले जन्म में जरूर ये दोनों ही किरदार निभाएंगी।