सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक हिट फिल्में बॉलीवुड दी हैं। दोनों ने साथ में कई फिल्में कीं, जिसमें- इंकलाब, आखिरी रास्ता और खुदा गवाह आदि शामिल हैं। ‘खुदा गवाह’ ने तो दर्शकों का खूब प्यार बटोरा। मई, 1992 में आई यह फिल्म भारतीय सिनेमा की सबसे सफल फिल्मों में गिनी जाती है। इस फिल्म में अमिताभ और श्रीदेवी, दोनों ने ही अपने अभिनय से एक अलग प्रतिमान गढ़ा था। हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि श्रीदेवी इस फिल्म में अमिताभ के साथ काम करने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थीं।
अमिताभ संग काम नहीं करना चाहती थीं श्रीदेवी: ये वो दौर था जब श्रीदेवी को लेडी अमिताभ कहा जाता था। ऐसी धारणा बन गई थी कि उनके फिल्म में होने मात्र से फिल्म हिट हो जाती है। मुकुल आनंद ने जब खुदा गवाह बनाने की तैयारी शुरू की तो अमिताभ बच्चन का नाम फाइनल किया। एक्ट्रेस के नाम पर माथापच्ची चल रही थी।
इसी दौरान एक दिन बातचीत में अमिताभ ने ही मुकुल को श्रीदेवी का नाम सुझाया, लेकिन वो जानते थे कि श्रीदेवी उनके साथ काम नहीं करेंगी। श्रीदेवी का मानना था कि अमिताभ इतने बड़े अभिनेता हैं कि उनके सामने किसी और के लिए फिल्म में करने को कुछ होता ही नहीं है।
भेजा फूलों से भरा ट्रक: दूसरी वजह ये थी कि श्रीदेवी कभी अपने रोल को दोहराना नहीं चाहती थीं, इसलिए उन्होंने और दूसरे अभिनेताओं के साथ भी काम करने से मना किया था। जिसमें अमिताभ भी शामिल थे। ऐसे में खुदा गवाह में श्रीदेवी की कास्टिंग के लिए डायरेक्टर के अलावा खुद अमिताभ को तमाम पापड़ बेलने पड़े।
उन दिनों श्रीदेवी सरोज खान के साथ एक गाने की शूटिंग में बिजी थीं। उन्हें मनाने के लिए अमिताभ ने उनकी शूटिंग वाली जगह परफूलों से भरा एक ट्रक भेज दिया। वो ट्रक फूलों को श्रीदेवी के पास गिराकर चला गया। श्रीदेवी को अमिताभ का ये अंदाज पसंद आया और वो खुदा गवाह में काम करने के लिए राजी हो गईं।
रख दी थी ऐसी शर्त: श्रीदेवी अमिताभ के साथ खुदा गवाह में काम करने के लिए तैयार तो हो गईं, लेकिन उन्होंने एक शर्त रख दी। श्रीदेवी का कहना था कि फिल्म में उनका डबल रोल होना चाहिए। हालांकि इसके पीछे वजह क्या थी, ये नहीं बताया। बाद में मुकुल आनंद ने श्रीदेवी की शर्त मान ली। इस तरह श्रीदेवी के डबल और अमिताभ के शानदार अभिनय के बूते खुदा गवाह जैसी सुपरहिट फिल्म बन पाई।