Shri Krishna 10th May 2020 Episode 8 Online Update: देवकी और वासुदेव कारागार में कंस के बंदी है। इस दौरान देवकी के 6 नवजात शिशुओं की हत्या कर देने वाले कंस को उनके सातवें गर्भ का भी इंतजार था। लेकिन देवकी को ये एहसास होता है कि उनका गर्भपात हो गया है। देवकी वासुदेव से कहती हैं कि अच्छा हुआ मेरे सातवें शिशु का गर्भपात हो गया वरना वो पापी कंस उसे भी मार देता। जिसके बाद वासुदेव उन्हें समझाते हैं कि जो कुछ भी होता है वो विधाता की मर्जी से होता है। तुम हृदय में कोई शोक मत करो। इसके बाद देवकी आठवां गर्भ धारण करती हैं।
देवकी के आठवें गर्भ की खबर सुनकर पूरे बृज मंडल में खुशी की लहर दौड़ जाती है। सबको आकाशवाणी के सच होने के आसार नजर आते हैं। वे कहते हैं कि कंस के काल और जगत के तारण हार जन्म लेने वाले हैं। जब ये बात कंस के पता चलता है तो उसके सैनिक बृजवासियों को कंस के नाम से डराते हैं। वे कंस के काल के जन्म से इतने भयहीन हो जाते हैं कि सैनिकों से कहते हैं अब हम महाराज कंस से भी नहीं डरते क्योंकि अब हमारे तारण हार आ रहे हैं।
प्रजा के ऐसे रवैए से कंस क्रोधित होता है और अपने सैनिकों को बृज में भेज कर आम नागरिकों पर अत्याचार करवाता है। कंस कहता है कि जो भी विष्णु की पूजा करते दिखे उसे जीवित मत छोड़ो मौत के घाट उतार दो। इसके बाद कंस के सैनिकों ने पूरे राज्य के प्रजा के साथ अत्याचार करने लगते हैं।
Highlights
देवकी आठवां गर्भ धारण करती हैं जिसमें तारणहार पधारते हैं। देवकी और वासुदेव सोए रहते हैं, उसी दौरान सभी देवता प्रकट होते हैं और प्रभु के धरती पर पधारने को लेकर उनपर फूलों की बारिश करते हैं। सुबह जब देवकी और वासुदेव उठते हैं ये नजारा देख आश्चर्य में पड़ जाते हैं। वासुदेव को भनक हो जाती है कि जरूर गर्भ में तारणहार पधारे हैं। वहीं कंस के सैनिक जेल में फूलों को देख परेशान होते हैं और राजा को सूचना देते हैं। कंस डर कर कहता है जरूर यही विष्णु है।
तारणहार के जन्म की खबर पर पूरे बृजमंडल में खुशी की लहर दौड़ पड़ती है। उनको कंस के आतंक और अत्याचार से मुक्ति मिलने की आस दिखती है। कंस अपने वर्चस्व को खोता देख प्रजा पर सैनिकों द्वारा अत्याचार करना शुरू कर देता है। लोगों के मारने पिटने से लेकर जेल में ठूंसने का कार्य करवाता है। ऐसे में बृजवासी प्रभु से निवेदन करते हैं कि हे प्रभु अब देर ना कर, हे तारणहार अब आ जा...
देवकी के गर्भ में आठवें गर्भ की खबर सुनकर पूरे बृजमंडल में खुशी की लहर दौड़ जाती है। सबको यकीन होता है कि आकाशवाणी के अनुसार कंस के काल और जगत के तारण हार जन्म लेने वाले हैं। जब ये बात कंस के सैनिकों को पता चलता है तो वह कंस के नाम से डराते हैं। बृजवासी कहते हैं अब हम महाराज कंस से भी नहीं डरते क्योंकि अब हमारे तारण हारा आ रहे हैं।
आपने 9 मई के एपिसोड में देखा कि देवकी का गर्भपात हो जाता है जिसपर वह दुखी ना होकर इसलिए खुश होती हैं कि कम से कम पापी कंस के हाथों हत्या नहीं हो पाई। वह वासुदेव से कहती हैं कि अच्छा हुआ मेरे सातवें शिशु का गर्भपात हो गया। वरना वो पापी कंस उसे भी मार देता। वहीं वासुदेव उन्हें समझाते हैं कि जो कुछ भी होता है वो विधाता की मर्जी से होता है। तुम हृदय में कोई शोक मत करो।