1975 में रिलीज हुई मशहूर बॉलीवुड फिल्म ‘शोले’ के निर्देशक रमेश सिप्पी ने बताया कि उनके पास उस वक्त फिल्म बनाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे, और उन्हें इस काम के लिए अपने पिता श्री जीपी सिप्पी की मदद लेनी पड़ी थी। CII Big Picture Summit 2016 में सिप्पी ने मंगलवार को कहा कि मैं बहुत लकी था कि उस वक्त मेरा साथ देने के लिए मेरे पिता मौजूद थे। उन्होंने बताया कि जब दिलीप कुमार ने एक फिल्म के लिए 1 लाख रुपए लिए थे तब सभी ने यह कहना शुरू कर दिया था कि इंडस्ट्री बैठ जाएगी। शोले करने के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे, मेरे दिमाग में बस एक आइडिया था जो मैंने अपने पिता से शेयर किया। आखिरी फिल्म जो हमने की थी, वह सीता और गीता थी। इसे बनाने में कुल 40 लाख का खर्च आया था। यह फिल्म हिट रही थी। मैंने अपने पिता को बताया कि मुझे अगली फिल्म के लिए 1 करोड़ रुपए की जरूरत थी जिसके बाद इसकी कुल लागत 3 करोड़ हो जाती।

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सिप्पी की यह फिल्म 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई थी। उन्होंने बताया कि बहुत से लोगों को यह शक था कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छा कर पाएगी। मेरी फिल्म में कास्ट किए गए एक्टर्स को ही मुझे 20 लाख देने पड़े थे। बहुत से लोगों को हमारी काबिलियत पर शक था। आज लोग अगर 150 करोड़ की भी फिल्म बनाते हैं तो उसमें से 100 करोड़ तो सिर्फ स्टार्स को देना पड़ता है। आज कुछ ऐसा है जो इस व्यवसाय को एक ओर झुका रहा है। याद हो कि शोले में बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी और जया बच्चन को कास्ट किया गया था।

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इसी कार्यक्रम में मौजूद शेखर कपूर ने बताया कि हॉलीवुड फिल्मों से ज्यादा भारत की रीजनल फिल्में बॉलीवुड को टक्कर दे रही हैं। उन्होंने बताया कि रीजनल फिल्में भी बॉलीवुड को तगड़ी टक्कर देती हैं।

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