बॉलीवुड एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा अपने जमाने के कुछ सबसे पॉपुलर कलाकारों में से एक थे। आम धारणा यही है कि सिनेस्टार्स करोड़ों में खेलते हैं और उनके पास पैसे की कोई कमी नहीं होती है। लेकिन कई बार बड़े सितारों को भी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शत्रुघ्न सिन्हा के साथ हुआ यूं कि उन्हें 10 लाख रुपए की जरूरत पड़ गई। इस जरूरत के चलते वह काफी तनाव में थे। शत्रुघ्न ने पैसे की दिक्कत हल करने के लिए अपना फ्लैट बेचने का फैसला किया लेकिन उनकी पत्नी ने यह कदम उठाने से इनकार कर दिया। तब शत्रुघ्न ने अपने एक फिल्म निर्माता-निर्देशक दोस्त से पैसे उधार देने की बात कही।

शत्रुघ्न के दोस्त ने उन्हें पैसे देने की बात तो कही लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उन्हें इस पर ब्याज देना होगा। शत्रुघ्न की जरूरत बड़ी थी इसलिए वो मान गए। निर्माता-निर्देशक ने पहले तो शत्रुघ्न को कुछ दिन टरकाया और फिर आखिरकार उन्हें यह कहकर पैसे देने से मना कर दिया कि वह जिससे लेकर उन्हें पैसे देने वाले थे उस शख्स ने शत्रुघ्न का नाम सुनकर पैसे देने से मना कर दिया है। एक्टर शत्रुघ्न को यह बात बहुत बुरी लगी। हालांकि उन्हें यह भी लगा कि वह दोस्त अपने नाम पर पैसे लेकर भी उन्हें दे सकता था। बात आई गई हो गई लेकिन शत्रुघ्न की दिक्कत वहीं की वहीं थी।

एक रोज शत्रुघ्न संजीव कुमार के साथ बैठे हुए थे। उनकी उदासी देख कर संजीव कुमार ने पूछा कि क्या हुआ? शत्रुघ्न ने अपने दिल की सारी बात बता डाली। संजीव कुमार ने थोड़ी देर बाद उनसे पूछा कि यदि उन्हें पैसे मिल जाएं तो वह कितने दिन बाद वापस कर पाएंगे? इस पर उदास बैठे शत्रुघ्न ने जवाब दिया- पता नहीं, लेकिन जब भी मिलेंगे मैं वापस कर दूंगा। इसके 2-3 दिन बाद सुबह शत्रुघ्न सिन्हा के घर का दरवाजा बजा। उन्होंगे गेट खोला तो देखा कि संजीव कुमार के सेक्रेटरी जमुनादास खड़े थे। उनके हाथ में अखबार में लिपटा एक पैकेट था। जमुनादास ने पैकेट शत्रुघ्न को देते हुए कहा- भाई जी ने यह कैसेट भेजे हैं। शत्रुघ्न ने जब पैकेट खोला तो उसमें कैसेट नहीं बल्कि 10 लाख रुपए थे।

शत्रुघ्न समझ गए और उन्होंने संजीव कुमार को कॉल करके पूछा कि आप ब्याज कितना लेंगे? इस पर संजीव कुमार ने कहा- दोस्ती में ब्याज कहां से आ गया? संजीव कुमार के इन शब्दों ने शत्रुघ्न की आंखों में आंसू भर दिए।