हिंदी फिल्मों में अभिनेत्रियों की एक नई परिभाषा गढ़ने वाली परवीन बॉबी आज भी अपने काम की वजह से याद की जाती हैं। वो ऐसी पहली भारतीय हस्ती बनीं जिसे टाइम मैगजीन ने अपने कवर पेज पर जगह दी। उन दिनों हर कोई उनका दीवाना हुआ करता था। और जब 1976 में टाइम मैगजीन के कवर पर उनकी तस्वीर लगी तो विदेशों में भी लोग उनके दीवाने हो गए। ऐसे ही एक विदेशी थे बॉब क्रिस्टो। बॉब ऑस्ट्रेलिया में इंजीनियर थे और जब उन्होंने परवीन बॉबी की ग्लैमरस तस्वीर टाइम के कवर पर देखी तो वो उनके दीवाने हो गए।

बॉब उनसे मिलना चाहते थे और फिर उन्होंने भारत आने का फैसला कर लिया। उन्होंने अपनी अच्छी-खासी इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ दी और फ्लाइट लेकर भारत आ गए। एक कैमरामैन की मदद से वो परवीन बॉबी से मिलने भी चले गए। लेकिन जब उन्होंने परवीन बॉबी को देखा तो वो उन्हें पहचान ही नहीं पाए।

दरअसल परवीन बॉबी सिर्फ शूटिंग के वक्त ही मेकअप करती थीं बाकी समय वो बिल्कुल आम लड़की की तरह ही बिना मेकअप रहा करती थीं। परवीन बॉबी को जब बॉब ने देखा और उन्होंने उन्हें परवीन बॉबी मानने से ही इनकार कर दिया। उन्होंने टाइम मैगजीन पर लगी उनकी तस्वीर उन्हें दिखाते हुए कहा कि आप तो परवीन हैं ही नहीं, बल्कि ये लड़की परवीन है। फिर परवीन ने उन्हें समझाया कि वो सिर्फ शूटिंग के वक्त मेकअप करती हैं तब जाकर बॉब ने उन्हें परवीन बॉबी माना था।

 

बॉब क्रिस्टो फिर दोबारा वापस ऑस्ट्रेलिया नहीं गए और हिंदी फिल्मों में ही विदेशी विलेन का किरदार निभाने लगे। उन्होंने साल 1980 की फिल्म अब्दुल्ला में पहली बार काम किया था। उन्होंने अमिताभ बच्चन की कई सुपरहिट फिल्मों में स्मगलर, विलेन आदि का किरदार निभाया। गिरफ्तार, कालिया, अदालत, मर्द जैसी अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्मों में बॉब ने बेहतरीन काम किया।

 

बॉब ने हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, पंजाबी आदि भाषा की फिल्मों में भी काम किया। बॉब को हृदय से जुड़ी समस्या थी और इसी कारण उनकी मृत्यु भी हुई। साल 2011 में 72 साल की उम्र में बॉब को हार्ट अटैक आया जिस कारण उनका निधन हो गया।