बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान की फिल्म ‘केदारनाथ’ शुरुआत से ही चर्चा में रही है। केदारनाथ दो तीर्थ यात्रियों पर आधारित फिल्म है। फिल्म केदारनाथ से ही सारा अली खान बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रही हैं। फिल्म की डायरेक्टर प्रेरणा अरोड़ा और प्रोड्यूसर अभिषेक कपूर हैं। हालांकि सारा अली खान की डेब्यू फिल्म केदारनाथ की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। फिल्म के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के बीच फिल्म की रिलीज डेट को लेकर विवाद शुरु हुआ था। अब खबर है कि यह आपसी असहमति ने लीगल विवाद का रुप ले लिया है। फिल्म में एकता कपूर, टी सीरीज और क्रीआज एंटरटेनमेंट ने भी निवेश किया है।

बॉलीवुड लाइफ डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, क्रीआज एंटरटेनमेंट ने एक बयान जारी कर कहा, ‘गाय इन द स्काई प्रोडक्शन’ (जो इस वक्त अभिषेक कपूर के स्वामित्व में हैं) ने एक बाध्यकारी समझौते को तोड़ने की कोशिश की। क्रिआज का दावा है कि अभिषेक कपूर ने फिल्म में भारी निवेश कराने के बाद उन्हें और टी-सीरीज को धोखा देने की कोशिश की। क्रियाज का नया प्लान है कि कोर्ट इस मामले को संज्ञान में लेकर अपने स्तर से कार्रवाई करे। एक नए बयान में प्रोडक्शन हाउस के अनुसार, ” जीआईटीएस ने कई बोगस स्टेटमेंट्स और मीडिया में बदनामी मैटेरियल दिए। जिसका जवाब देते हुए क्रियाज ने कहा कि सभी बयान, लेख बिल्कुल बेजान, फर्जी, व्यर्थ हैं, इन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है। अभिषेक कपूर (जीआईटीएस) के साथ क्रिआज ने अपनी सभी प्रतिबद्धताओं का पालन किया है, यह दिखाने के लिए पर्याप्त सामग्री भी है।

बयान में कहा गया, ”जैसा कि मैं समझता हूं कि जीआईटीएस द्वारा कर्तव्यों के पालन में कई कमियां रहीं। जिसके कारण फिल्म को स्टार्ट करने में भी देरी हुई। इन सभी चीजों के बावजूद क्रियाज ने जीआईटीएस को बिना शर्त सहायता प्रदान की गई और फिल्म में भारी निवेश करना जारी रखा। हमें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि फिल्म में लगाया जा रहा पैसे का सही इस्तेमाल नहीं होगा। क्रिआज ने जीआईटीएस के साथ संबंध सुधारने की भी कोशिश की, लेकिन कोई मौजूद नहीं रहा। क्रिआज, टीसीरीज और बालाजी टेलीफिल्म्स, फिल्म केदारनाथ के सह निर्माता के रूप में सही हकदार हैं और इसलिए फिल्म से क्रियाज को बाहर करने के लिए जीआईटीएस के पास कोई अधिकार नहीं है, यह फिल्म के निर्माताओं और मालिकों के कानूनी अधिकार से बाहर हैं। बयान में कहा गया है, “हम फिल्म पर अपने अधिकारों को लागू करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट को अगले हफ्ते जा रहे हैं और हम माननीय न्यायालय से आवश्यक राहतें की उम्मीद करेंगे।”