संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के सेट को दो बार निशाना बनाया जा चुका है। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि जयपुर के बाद फिर कोल्हापुर में हमला किया गया। सबसे पहले जयपुर में करणी सेना द्वारा हमला किया गया था और जब लगा कि सब शांत हो गया है तो फिर उसी सेना ने कोल्हापुर में हमला कर दिया। यह फिर तब हुआ जबकि भंसाली के प्रोडक्शन हाउस ने आधिकारिक तौर पर यह साफ कर दिया था कि रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच किसी तरह का कोई ड्रीम सीक्वेंस नहीं है। इस बार फिल्म निर्माता खुद सामने आए हैं और उन्होंने अपनी फिल्म के बारे में जारी सभी तरह की धारणा को गलत बताया है।
बॉम्बे टाइम्स को दिए एक बयान में भंसाली ने कहा- मेरी फिल्म पद्मावती को लेकर बहुत सारी गलतफहमी और गलत धारणाएं बनी हुई हैं। मैं एक बार फिर से हमेशा के लिए इस बात को साफ कर देना चाहता हूं। पद्मावती एक श्रद्धेय राजपूत महारानी की कहानी है जो अपने आत्म सम्मान और मान मर्यादा की रक्षा के लिए लिए पराक्रम दिखाती है। यह एक ऐसी फिल्म है जिसे देखकर हर भारतीय गौरव महसूस करेगा। मेरी टीम और मैंने रानी पद्मावती के ऊपर फिल्म बनाने से पहले उनके बारे में उपलब्ध जानकारी पर हर तरह से शोध किया है। रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी को लेकर स्क्रिप्ट में कभी कोई कथित तौर पर सपने वाला या फिर मनगढ़ंत गाने वाला सीन नहीं था। मैं दोबारा कहना चाहता हूं ऐसा कभी नहीं था और ना ही किसी सीन में ऐसा दिखाया गया है।
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— Shobha Sant (@ShobhaIyerSant) March 27, 2017
संजय ने कहा कि हम कई मीडिया प्लैटफॉर्म के जरिए कई बार इस बात का साफ कर चुके हैं। फिर भी फिल्म को लेकर जारी गुंडागर्दी मुझे काफी हद तक दर्द देती है। यह हिंसा अमान्य और अस्वीकार्य है क्योंकि यह अफवाहों, आरोपों और इल्जामों पर आधारित है ना कि फैक्ट्स पर। एक कलाकार के तौर पर मैं भी अभिव्यक्ति की आजादी में विश्वास करता हूं। हम किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहते और विश्वास से कहूंगा कि मेवाड़ इसे देखकर गौरान्वित महसूस करेगा।
मैं और मेरी टीम कुछ राजपूत नेताओं से मिली जिन्होंने हमारे स्पष्टीकरण के बाद, हमारा समर्थन करने के लिए हामी भरी है और उन्होंने हमारा पत्र साइन करते हुए फिल्म बनाने में हमें अपना सहयोग देने का वादा किया है। मुझे उम्मीद है कि इससे फिल्म को लेकर जारी अफवाहों पर विराम लगेगा। मैं फिल्म इंडस्ट्री और मीडिया को धन्यवाद कहना चाहता हूं जिन्होंने लगातार फिल्म के समर्थन में बात की और किसी भी तरह की हिंसा और कलाकारों की अभिव्यकित की आजादी पर हुए हमले का विरोध किया।