मशहूर पटकथा लेखन जोड़ी सलीम-जावेद ने 1970 के दशक की कुछ सबसे लोकप्रिय हिंदी फ़िल्में लिखीं। अमिताभ को ‘एंग्री यंग मैन’ बनाने और दीवार, शोले, त्रिशूल, डॉन जैसी कई अन्य फिल्में साथ लिखने के बाद, सलीम-जावेद की साझेदारी में खटास आ गई और 1980 के दशक की शुरुआत में दोनों अलग हो गए। अब, सलीम खान के बेटे, अभिनेता अरबाज खान ने कहा है कि दोनों का रिश्ता काफी बेहतर है और उन्होंने इस मजबूत कर लिया है।
बॉलीवुड बबल से बातचीत में अरबाज ने कहा कि बचपन में उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि सलीम खान और जावेद अख्तर कभी दोबारा दोस्त बनेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों अब “बहुत अच्छी स्थिति में” हैं और अक्सर फोन पर बात करते हैं। उन्होंने कहा, “हम बच्चों ने कभी नहीं सोचा होगा कि जावेद साहब और पापा कभी एक-दूसरे के साथ बैठेंगे और बातचीत करेंगे।”
अरबाज ने बताया जब पापा की तबीयत खराब थी, “जावेद साहब घर आए और उनसे मिले और उनके साथ दो घंटे बिताए। यह सब बहुत अद्भुत लगता है।” उन्होंने कहा कि समय सब कुछ ठीक कर देता है। “लोग बदलते हैं, लोग भूल जाते हैं और माफ कर देते हैं और आगे बढ़ जाते हैं। और वे बहुत मजबूत बंधन बनाते हैं। वे अब अक्सर बातचीत करते हैं। वे अक्सर फोन पर बात करते हैं और इसलिए भी क्योंकि पापा, जावेद साहब से थोड़े बड़े हैं इसलिए जावेद साहब पिताजी की सेहत के बारे में पूछते रहते हैं।”
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अरबाज ने उस वक्त को याद करते हुए बताया जब दोनों अलग हुए थे और वह 14 साल के थे। उन्होंने कहा कि उनके अलग होने से पहले दोनों परिवार और दोनों परिवारों के बच्चे अक्सर एक-दूसरे से मिलने जाते थे। “हम जावेद साहब से मिलते थे, जावेद साहब घर आते थे और हम वहां जाते थे। बेशक ज़ोया और फरहान हमसे थोड़े छोटे हैं लेकिन तब वो बच्चे ही थे। उस समय हम बहुत मिलनसार थे,” उन्होंने कहा। उन्होंने कहा कि जब ये जोड़ी टूटी तो बच्चे “बहुत प्रभावित” हुए।
“जब साझेदारी टूट जाती है, तो लोगों को पता नहीं चलता कि किस रास्ते पर जाना है।” अरबाज ने कहा कि दोनों के बीच पेशेवर अलगाव के बावजूद, हम बच्चे हमेशा उनसे अच्छे से मिले हैं। “जब भी हम जावेद साहब से मिले हैं, हमेशा बहुत प्यार से मिले हैं और हम हमेशा एक-दूसरे के लिए बहुत अच्छे रहे हैं।”