साल 1990 में आई फिल्म ‘कारनामा’ औसत साबित हुई थी। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर मिलाजुला बिजनेस किया था। इस फिल्म के लीड रोल में विनोद खन्ना, फराह नाज और किमी कातकर थे। हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि फिल्म के डायरेक्टर रंजीत ने पहले लीड रोल के लिए रेखा और धर्मेंद्र को फाइनल कर लिया था लेकिन बाद में रेखा से एक बात पर अनबन हो गई थी और उन्होंने फिल्म छोड़ दिया था।

करीब 200 फिल्मों में विलेन की भूमिका निभाने वाले रंजीत ने जब अभिनय की पारी को विराम दिया तो निर्देशन में हाथ आजमाने का फैसला लिया। उन्होंने अपनी फिल्म के लिए धर्मेंद्र, रेखा और जया प्रदा का नाम भी फाइनल कर लिया।

शाम की जगह सुबह शूट करना चाहती थीं रेखा: रेडिफ को दिए एक इंटरव्यू में रंजीत ने बताया था कि ‘मैंने पहली बार फिल्म ‘सावन-भादों’ में रेखा के साथ ही अभिनय किया था। हम दोनों अच्छे दोस्त थे, इसीलिए रेखा तैयार भी हो गईं। कारनामा की शूटिंग का पहला शेड्यूल शाम को था। एक दिन रेखा का फोन आया और उन्होंने कहा कि क्या वे शाम की जगह सुबह सूट कर सकते हैं क्योंकि वह शाम अमिताभ बच्चन के साथ बिताना चाहती हैं…।’

शर्त नहीं मानी तो छोड़ दी थी फिल्म: वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राशिद किदवई ने भी अपनी किताब ‘नेता अभिनेता: बॉलीवुड स्टार पावर इन इंडियन पॉलिटिक्स’ में इस किस्से का जिक्र किया है। वे लिखते हैं कि रंजीत ने रेखा के इस अनुरोध को ठुकरा दिया। ऐसे में उन्होंने फिल्म छोड़ दी और पूरा साइनिंग अमाउंट भी लौटा दिया था। अब रंजीत के पास कोई चारा नहीं था बचा था। उधर, धर्मेंद्र भी दूसरे प्रोजेक्ट में बिजी हो गए और फिल्म आगे खिसकने लगी।

धर्मेंद्र ने दिया था अनीता राज को कास्ट करने का सुझाव: बाद में धर्मेंद्र ने सुझाव दिया कि रेखा की जगह अनीता राज को कास्ट कर लिया जाए। हालांकि इसपर भी बात नहीं बनी। अंत में ‘सूरज’ के रोल के लिए विनोद खन्ना, ‘माला’ के किरदार के लिए फराह नाज, ‘ज्योति’ की भूमिका के लिए किमी कातकर और ‘राणा’ के किरदार के लिए अमरीश पुरी को कास्ट किया गया। इस तरह फिल्म पर्दे पर आ सकी।