बात उन दिनों की है जब अमिताभ बच्चन फिल्म कुली की शूटिंग कर रहे थे। फिल्म में सह-कलाकार पुनीत इस्सर के साथ फाइट करते वक्त आंतों पर लगी गंभीर चोट की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। डॉक्टरों के अथक प्रयास और प्रशंसकों की दुआओं की वजह से अमिताभ बच्चन ठीक तो हो गए लेकिन इस उपचार ने उन्हें एक और बीमारी का शिकार बना दिया। भारी-भरकम दवाओं के डोज की वजह से अमिताभ मायस्थेनिया ग्रेविस नाम की बीमारी से ग्रस्त हो गए थे। इस वजह से वह शारीरिक और मानसिक रूप से काफी कमजोर महसूस करने लगे थे और एक्टिंग हमेशा के लिए छोड़ राजनीति का दामन थामने का विचार बनाने लगे थे।
क्या है मायस्थेनिया ग्रेविस – मायस्थोनिया ग्रेविस एक न्यूरोमैस्कुलर डिसऑर्डर है। इसमें हमारे शरीर की मांसपेशियों में इस तरह की कमजोरी आ जाती है कि उन्हें हिला-डुला पाना भी मुश्किल होता है। ऐसा तब होता है जब हमारी तंत्रिका कोशिकाओं और मसल्स के बीच संचार टूट जाता है। इससे हमारी मांसपेशियों में होने वाले संकुचन में अवरोध पैदा होता है और फलस्वरूप मसल्स कमजोर होने लगती हैं।
मायस्थेनिया ग्रेविस के लक्षण – मायस्थेनिया ग्रेविस होने पर रोगी को शारीरिक गतिविधियां बंद कर देनी चाहिए। लगातार एक्टिव रहने से स्थिति और खराब हो सकती है जबकि आराम करने से रोगी की हालत में सुधार आता रहता है। मायस्थेनिया ग्रेविस में बात करने में दिक्कत, चीजों को उठाने में परेशानी, सीढ़ियों पर चढ़ने में परेशानी, सांस लेने में परेशानी, चबाने या निगलने में दिक्कत, थकान तथा आवाज में भारीपन जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
क्यों होता है मायोस्थेनिया ग्रेविस – मायोस्थेनिया ग्रेविस में हमारा इम्यून सिस्टम स्वस्थ ऊतकों पर हमला करता है। इससे तंत्रिका कोशिकाओं और मांसपेशियों के बीच संचार के लिए जिम्मेदार महत्वपूर्ण पदार्थ एसिटाइलॉक्लिन का प्रभाव कम कर देता है। ऐसे में मांसपेशियों में कमजोरी की दिक्कत आती है।
क्या है इलाज – मायोस्थेनिया ग्रेविस का कोई इलाज नहीं है। इसके लक्षणों का उपचार कर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।