रणवीर सिंह फ़िल्म पद्मावत के साथ ही इंडस्ट्री के टॉप स्टार्स में शामिल हो गए हैं। फ़िल्म को कई विवादों का सामना करना पड़ा लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फ़िल्म सुपरहिट साबित हुई। दीपिका और शाहिद जैसे सितारों से सजी इस फ़िल्म में रणवीर अकेले ऐसे किरदार थे जो लोगों को अंदर तक हिला पाने में कामयाब रहे। रणवीर का किरदार जिस स्तर पर एनार्किस्ट था, उनके कैरेक्टर की तुलना 2008 में आई क्रिस्टोफ़र नोलन की महान फ़िल्म द डार्क नाइट के जोकर से की गई। जाहिर है, ऐसा कैरेक्टर निभाने के लिए रणवीर को काफी मेहनत करनी पड़ी होगी और  इसी किरदार से जुड़ी मुश्किलों को लेकर रणवीर ने बात की।

उन्होंने कहा कि ‘फ़िल्म पद्मावत मेरे लिए  फ़िल्म के गाने ‘खलीबली’, क्लाइमेक्स और फ़िल्म में एक्शन सीक्वेंस मेरे करियर के सबसे चुनौतीपूर्ण शूट में से हैं। मई के महीने में 45 डिग्री की गर्मी में 12 किलो की लैदर जैकेट पहनकर डांस करना वाकई मेरे लिए बेहद मुश्किल था। मैं बेहोश हुआ, मुझे उल्टी हुई और मुझे कई बार दिन में तारे नज़र आने लगते थे। सेट पर जैसे ही ‘कट’ बोला जाता, मैं अपने उड़ते हुए होश संभालता, पानी पीता और फिर शूट के लिए तैयारी करने लगता।’

रणवीर का किरदार शाहिद और दीपिका के किरदार पर भारी पड़ा था।

उन्होंने कहा कि ‘आमतौर पर 6-8 दिन के शूट के बाद एक्टर्स को ब्रेक मिलता है लेकिन पद्मावत के साथ जो भी विवाद और घटनाएं हुईं, उसके चलते मेरा शेड्यूल बेहद टाइट हो गया था। मैंने लगभग 35-40 दिनों तक बिना ब्रेक लिए काम किया था जो आमतौर पर सुनने को नहीं मिलता है। मानसिक और शारीरिक तौर पर ये मेरे लिए बेहद थका देने वाला था। मैं उस दौरान 12-14 घंटे काम करता था, किसी से खास बात भी नहीं करता था। मेरा मेंटल स्टेट ऐसा हो चुका था, जैसा मैंने पहले कभी महसूस नहीं किया था। मुझे लगता था कि मैं अपना मानसिक संतुलन न खो दूं। ऐसे में मैंने अपने मां-बाप और दोस्तों से बात करनी शुरू की।’

‘एक रात मैं शूट से वापस आ रहा था। मेरी अंगूठी की वजह से मेरी उंगली कट गई थी। खून निकल रहा था और मैं पसीने से तर था। मैंने अपनी मां को फ़ोन किया और उनसे कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैं ये रोल कंप्लीट कर पाऊंगा। मुझे नहीं पता क्या होगा। मुझे समझ नहीं रहा था कि क्या हो रहा है। मैंने अपनी मां से कहा – मां, मुझे खून निकल रहा है और अभी पसीना भी आ रहा है। मैं उम्मीद करता हूं कि मेरे खून-पसीने की ये मेहनत मेरे लिए काम आए।’