राजेश खन्ना एक करिश्माई अभिनेता थे जिन्होंने अपने अंदाज से एक समय पूरी फिल्म इंडस्ट्री पर कब्जा जमा रखा था। उन्हें रोमांस का राजा कहा जाता था। 70 के दशक में उन्होंने लगातार हिट फिल्में दीं। उन्हीं दिनों अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, धर्मेंद्र जैसे कलाकारों ने इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनानी शुरू की और उधर राजेश खन्ना की सफलता का सूरज ढलने लगा। जब राजेश खन्ना का करियर ढलान पर था उसी दौरान बासु भट्टाचार्य ने उन्हें अपनी एक फिल्म में काम करने का ऑफर दिया।
फिल्म की शूटिंग मद्रास में चल रही थी। जब राजेश खन्ना मद्रास एयरपोर्ट पर पहुंचे तो यह देख हैरान रह गए कि उन्हें लेने के लिए टैक्सी भेजी गई है। राजेश खन्ना को लग्जरी गाड़ियों का शौक था और वो हमेशा ही लग्जरी कार में बैठते थे। टैक्सी में तो वो सालों से नहीं बैठे थे। उनके साथ काम करने वाले निर्माता- निर्देशकों को भी यह बात भली- भांति पता होती थी इसलिए उन्हें लेने के लिए केवल लग्जरी कार ही भेजते थे।
लेकिन जब ‘काका’ को लेने के लिए निर्देशक बासु भट्टाचार्य ने टैक्सी भेजी गई तो उन्हें बहुत बुरा लगा। हालांकि वो ये बात समझ गए थे कि अब वक्त पहले जैसा नहीं रहा और वो उसी टैक्सी में बैठ एयरपोर्ट से निकले।
राजेश खन्ना अपने आखिरी कुछ सालों में लो बजट की फिल्म करने लगे थे। फिल्म वफ़ा में उनके किरदार को लेकर काफी आलोचना भी हुई। इस फ़िल्म से निर्देशक राकेश सावंत ने उनके ‘रोमांटिक राजेश खन्ना’ वाले इमेज को भुनाने की कोशिश की लेकिन 2008 की यह फिल्म बुरी तरह फ्लॉप रही।
राजेश खन्ना फिल्मों की असफलता के बाद शराब और सिगरेट का शिकार हो थे। उनके साथ कई फिल्में कर चुके रजा मुराद ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था, ‘राजेश खन्ना बेहद दिलदार आदमी थे। उनके घर पर देर रात तक महफिलें जमा करती थीं और इसी वजह से वो शूटिंग पर लेट पहुंचने लगे।’
उन्होंने आगे बताया था, ‘अनुशासनहीन जीवन शैली के कारण उनके खूबसूरत चेहरे पर भी फर्क पड़ने लगा। कभी टमाटर की तरह सुर्ख लाल रहने वाला उनका चेहरा निस्तेज लगने लगा। इसके बाद उनकी नाकामयाबी का दौर शुरू हो गया।’ राजेश खन्ना अपने आखिरी दिनों में बीमार रहने लगे थे। 18 जुलाई 2012 को इंडस्ट्री के पहले सुपरस्टार का निधन हो गया।