राजेश खन्ना ने अपने रोमांटिक अंदाज वाली छवि से जाने कितने ही लोगों के दिलों पर राज किया। उनके रोमांटिक गाने आज भी काफी लोकप्रिय हैं। लेकिन राजेश खन्ना कभी अपनी गानों की लिरिक्स याद नहीं रखते थे। उनके साथ धर्म कांता, नसीब, मकसद जैसी कई फिल्में कर चुकीं वहीदा रहमान ने इस बात का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि शूट के बीच ही राजेश खन्ना उनसे गाने की लाइन पूछने लगते थे और इसके लिए बकायदा उन्होंने एक तरकीब भी निकाली थी।
जब शूट के बीच कैमरा घूमता तो राजेश खन्ना वहीदा रहमान से लाइन पूछ लेते और जब कैमरा उनकी तरफ होता तो गाने लगते थे। वहीदा रहमान ने एनडीटीवी से बातचीत बताया था कि जब वो राजेश खन्ना से शिकायत करतीं कि वो अब सुपरस्टार हो चुके हैं, अब तो गानों की लिरिक्स याद कर लें तो वो कहते थे कि भले ही सुपरस्टार बन गया हूं लेकिन हूं तो राजेश ही।
वहीदा रहमान ने में कहा था, ‘राजेश खन्ना गानों की लाइन कभी पकड़ नहीं पाते थे। हम कोलकाता में नाव में शूटिंग कर रहे थे। वो गानों की लाइंस भूल जाते थे। मुझसे कहते थे कि जब मैं भूल जाऊं तो मुझे याद दिला देना। मैंने कहा मैं ये कैसे कर सकती हूं। जब कैमरा घूमता था तो मैं इधर से लाइन बताती थी। वो बहुत हंसते थे।’
वहीदा रहमान ने आगे बताया था, ‘बाद में भी उनके साथ मैंने कई फिल्में की। उस वक्त भी वही हाल था उनका। जहां गाने आते थे, वो लाइन भूल जाते थे। मैंने कहा राजेश अब तो मुद्दत हो गए, तुम तो सुपरस्टार बन गए, वहां पहुंच गए। वो कहते कि वहां पहुंचने से क्या होता है, मैं तो वही राजेश रहूंगा न, बदलूंगा नहीं।’
राजेश खन्ना जब अपने करियर की बुलंदी पर थे उनके पास निर्माताओं की लाइन लगा करती थी। उनके लिए यह तय कर पाना मुश्किल हो जाता था कि किस फिल्म को चुने और किस फिल्म को छोड़ दें। उनके साथ काम कर चुकीं अरुणा ईरानी ने बताया था कि वो ड्रॉ के जरिए फिल्में चुनते थे।
सभी प्रोड्यूसर्स के नाम का ड्रॉ किया जाता था और जिसका नाम आता उसी के साथ वो फिल्म करते थे। राजेश खन्ना अक्सर सेट पर देर से पहुंचते थे। अगर शूटिंग सुबह की है तो वो देर शाम शूटिंग में आते थे। उनकी इस आदत से निर्माताओं को नुकसान भी उठाना पड़ता था। उनके करियर के डूबने के पीछे एक वजह ये भी बताई जाती है।