बॉलीवुड में एक दौर ऐसा था जब किसी फिल्म में राजेश खन्ना की मौजूदगी भर ही फिल्म को हिट कराने के लिए काफी थी। उनकी फिल्मों के प्रति लोगों में खासी दीवानगी थी। लड़कियां तो उनके रोमांटिक अंदाज की कायल थीं। उन्होंने अपने अधिकतर फिल्मों में एक रोमांटिक हीरो का किरदार निभाया जो दर्शकों को इतना पसंद आया कि एक के बाद एक उनकी 15 फिल्में हिट होती गईं। जब वो गर्दन टेढ़ी कर हल्के से पलकों को उठाकर देखते तो देखने वाला सम्मोहित हो जाता था। उन्होंने रोमांस को बड़े पर्दे पर जिस खूबी से उतारा, उनके चाहने वाले उसे कभी नहीं भूल सकते। उनकी मां भी उनकी फिल्में देख कहतीं कि वो पिछले जन्म में ज्यादा रोमांटिक रहे होगे।

राजेश खन्ना ने लेहरन रेट्रो नामक मीडिया संस्थान से बातचीत में इस वाकए के बारे में बताया था। राजेश खन्ना ने कहा था, ‘मेरी मां एक दिन मुझसे कहने लगीं कि तुम पिछले जन्म में कुछ ज्यादा ही रोमांटिक रहे होगे। मैंने पूछा क्यों? तो उन्होंने कहा कि पैदाइशी आपका अंदाज आशिकाना है। हमने कहा कि आशिकाना है इसलिए तो आशिकाना फिल्मों में काम करते हैं, रोमांस करते हैं, इमोशन करते हैं, फैमिली ड्रामा करते हैं।’

राजेश खन्ना की फिल्मों में एक्शन नाममात्र का हुआ करता था। इस बारे में राजेश खन्ना ने कहा था, ‘हम तो एक्शन हीरो रहे नहीं और न ही कभी एक्शन हीरो बनने का शौक ही था। हम तो फैमिली ड्रामा, रोमांस ही करते रहे। रोमांस से बढ़कर चीज क्या है? इश्क खुदाया है, इश्क ही सबसे महान है। हमने वही रास्ता अपनाया, ऊपर वाले ने चाहा।’

 

राजेश खन्ना का व्यक्तित्व तो चुंबकीय था, हर कोई उन्हें पसंद करता था लेकिन उनकी एक आदत से उनके निर्देशक, टेक्नीशियन परेशान रहा करते थे। कई जगह इस बात का उल्लेख है कि वो शूट पर अक्सर लेट आया करते थे और उनमें अहंकार बहुत ज्यादा था। राजेश खन्ना पर किताब ‘Rajesh Khanna: The Untold Story Of Indian’s First Superstar’ लिखने वाले यासिर उस्मान ने बीबीसी से बातचीत में बताया था कि वो अपने पहले दिन की शूट के लिए ही लेट से पहुंचे थे।

 

आखिरी खत, जो कि उनकी पहली फिल्म थी, के पहले दिन की शूटिंग के लिए राजेश खन्ना को सुबह 8 बजे बुलाया गया लेकिन वो 11 बजे सेट पर पहुंचे थे। जब टेक्नीशियन ने उन्हें इसके लिए डांट लगाई तो उन्होंने कहा था कि एक्टिंग और करियर की ऐसी तैसी। मैं किसी भी चीज के लिए अपनी लाइफस्टाइल नहीं बदलूंगा।