बॉलीवुड के मशहूर एक्टर शशि कपूर ने 1961 में फिल्म ‘धर्मपुत्र’ के जरिए सिनेमा में कदम रखा था। सिनेमा में रहते हुए वह करीब 161 फिल्मों में नजर आए हैं। शशि कपूर को फिल्मों के ऑफर इस तरह से आने लगे थे कि उन्हें सेट पर करीब चार से पांच शिफ्टों में काम करना पड़ता था। बॉलीवुड एक्टर को लेकर कहा जाता है कि उनके बड़े भाई राज कपूर उन्हें ‘टैक्सी’ कहकर बुलाते थे। उनका कहना था कि वह किसी को भी अपनी गाड़ी में बैठा लेते हैं। शशि कपूर से जुड़ी इस बात का खुलासा एक्ट्रेस नीतू कपूर ने एक इंटरव्यू में किया था।

इसके अलावा राज कपूर द्वारा शशि कपूर को टैक्सी कहने के पीछे एक और किस्सा जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ फिल्म के लिए राज कपूर ने अपने छोटे भाई शशि कपूर को चुना था। वहीं राज कपूर के साथ काम करने के लिए शशि कपूर को भी लगभग चौबिसों घंटे काम करना पड़ता था।

शशि कपूर ने इस बारे में बात करते हुए कहा, “मुझे उनके साथ 24 घंटे काम करना पड़ता था, दिन भर में करीब चार से पांच शिफ्ट करनी पड़ती थी। यहां तक कि कई बार मुझे कार में ही सोना पड़ता था।” कहा जाता है कि उनकी इस जीवन शैली के कारण कार उनका सेमी पर्मानेंट एड्रेस बन चुकी थी, जिससे उनका नाम ‘टैक्सी’ पड़ गया था।

इसके अलावा शशि कपूर के जीवन पर आधारित किताब में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि शशि कपूर का नाम ‘टैक्सी’ पड़ने के कुछ और भी कारण थे। लेखक बनी रुबेन के मुताबिक शशि कपूर और जीनत अमान को राज कपूर के गुस्से का शिकार होना पड़ा था।

लेखक ने इस बारे में आगे बताया कि शशि कपूर और जीनत अमान को उनके शूटिंग कैलेंडर के बारे में बताते वक्त राज कपूर ने दोनों को डांटना शुरू कर दिया। उन्होंने दोनों को फटकार लगाते हुए कहा, “तुम लोग स्टार हो ही नहीं बल्कि तुम सब टैक्सी हो। कोई तुम्हारा मीटर नीचे कर देगा तो तुम उसके पास चले जाओगे। इसके बाद कोई और तुम्हारा मीटर डाउन कर देगा तो तो तुम उसके पास चले जाओगे।”

राज कपूर ने जीनत अमान और शशि कपूर को डांटते हुए आगे कहा, “दो घंटे यहां और दो घंटे कहीं और, टैक्सी। तुम कलाकार केवल यही बनकर रह गए हो।”