Mahabharat 6 April Episode: कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में लोग घर बैठे टीवी पर आ रहे पुराने धारावाहिकों का आनंद ले रहे हैं। महाभारत और रामायण के री-टेलीकास्ट ने जहां बड़ों की पुरानी यादें ताजा कर दी हैं वहीं, बच्चे भी बड़ी जिज्ञासा के साथ इन धारावाहिकों का आनंद ले रहे हैं। दर्शक बी.आर चोपड़ा की इस ऐतिहासिक धारावाहिक को दूरदर्शन पर दोपहर 12 बजे और शाम को 7 बजे देख सकते हैं। 28 मार्च से शुरू हुए महाभारत की कहानी इस वक्त हस्तिनापुर में पांडवों और कौरवों के इर्द-गिर्द घूम रही है।
पिछले एपिसोड में दिखाया गया कि कैसे पांडु की मृत्यु के बाद कुंती पांडवों समेत हस्तिनापुर लौट आईं। इधर, हस्तिनापुर नरेश धृतराष्ट्र पांडवों के आगमान से दुर्योधन के भविष्य को लेकर चिंतित हो गए। गांधारी उन्हें सांत्वना देते हुए कहती हैं कि जिसके भाग्य में जो होता है वो उसे मिलकर ही रहता है। इस पर धृतराष्ट्र कहने लगे कि क्या ये खोटा भाग्य मेरे और मेरे बालकों के लिए ही है। इस बीच दुर्योधन पांडु पुत्रों के साथ दुराचरण करता है जिससे भीम को उस पर बहुत क्रोध आता है। वहीं, पितामह भीष्म हस्तिनापुर के साम्नाज्य को लेकर बेहद चिंतित हैं। वो विदुर से कहते हैं कि पांडवों को शिक्षा-दीक्षा के लिए कृपाचार्य के आश्रम भेजना ही उचित होगा।
कुंती और गांधारी ने एक-दूसरे से कही मन की बात। गांधारी कहने लगीं कि वो उनके और पांडवों के आने से बहुत खुश हैं लेकिन युधिष्ठिर दुर्योधन से ज्येष्ठ है, ये बात उनको कुछ देर के लिए खटकी जरूर। इधर, शकुनि धृतराष्ट्र को अपने बेटों की फिक्र करने की सलाह दे रहे हैं। दुर्योधन भी अपने मामा की बातों में हां में हां मिलाते हुए राजा से कहता है कि वो पांडवों को यहां से कहीं दूर भेज दें।
युधिष्ठिर ने भीम को दुर्योधन से झगड़ा ने करने के लिए कहा। माता कुंती ने भी उनसे यही कहा, साथ ही इस घटना के बारे में और किसी को न बताने का आदेश भी दिया।
कुंती पुत्र भीम जब नागलोक के अंदर गए तो वहां उनकी मुलाकात अपने परनाना से हुई। उन्होंने भीम से पूछा कि क्या कुंती को मालूम है कि वो यहां है, इसपर भीम ने अपने साथ घटित घटना के बारे में बताया। उनके परनाना ने उन्हें सुधा रस पीने को दिया जिससे उनमें 10 हाथी के बराबर शक्ति आ गई।
तालाब के किनारे अकेले बैठे भीम को परेशान करने के लिए दुर्योधन ने दुश्शासन की मदद से साजिश रचा। भीम को नशीली खीर खिलाकर उन्हें बंधक बनाकर गंगा जी में फेंक दिया। इधर, काफी देर तक जब भीम वापस नहीं लौटे तो युधिष्ठिर बेहद परेशान हो गए। दुर्योधन ने जब ये घटना शकुनि को बतायी तो वो बहुत खुश हो गए और कहने लगे कि मेरे किसी लक्ष्य ने मुझे यहां रोक रखा है।
पांडु के ज्येष्ठ पुत्र युधिष्ठिर महा ज्ञानी विदुर से आशीर्वाद लेते हैं। इसके पश्चात विदुर ने उनसे पूछा कि इस समय तुम यहां क्या कर रहे हो। इस पर वो कहने लगे कि दुर्योधन और भीम में बनती नहीं है इसलिए वो ज्ञानशाला से महल लौट आएं। इधर, भीम के डर से अर्जुन भीष्म की गोद में बैठ गए।
दुर्योधन का मामा शकुनि चौपर का खेल खेलते हुए अपने भांजे को कटुनीति सिखा रहा था। अपने भाइयों के प्रति भड़काते हुए शकुनि दुर्योधन से कहता है कि वो ही हस्तिनापुर के असली उत्तराधिकारी हैं।
आज के एपिसोड में कर्ण को दिखाया गया। सुरथ पुत्र कर्ण सारथी ना बनकर धनुष-बाण चलाना चाहते हैं। वो अपने पिता से कहते हैं कि जाति का भेद तो कर्म के जरिए होना चाहिए। इधर, ऋषि ने कर्ण से भिक्षा मांगी तो उन्होंने अपने दान से उनको प्रसन्न कर दिया। ऋषि ने उनको वरदान देते हुए कहा कि तुम्हारी सभी इच्छा पूर्ण हो।