पिछले हफ्ते हैदराबाद के लुलु मॉल में फिल्म ‘राजा साब’ के प्रमोशनल इवेंट के दौरान निधि अग्रवाल को फैन्स की भीड़ ने घेर लिया था। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में निधि अपना दुपट्टा कसकर पकड़ती हुई भीड़ के बीच से निकलने की कोशिश करती नजर आईं, वहीं सुरक्षा कर्मी भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे थे। इस घटना के बाद अभिनेता शिवाजी ने एक कार्यक्रम में कहा कि अभिनेत्रियों को “अधिक खुला कपड़ा पहनने की बजाय साड़ी पहननी चाहिए” और उन्होंने इस तरह की घटनाओं के लिए उनके कपड़ों को जिम्मेदार ठहराया।

शिवाजी का विवादित बयान

शिवाजी ने कहा कि “सौंदर्य पूरी पोशाक में होता है, न कि शरीर दिखाने में। महिलाओं को संयमित कपड़े पहनने चाहिए ताकि वे सम्मानित रहें।” उन्होंने पुराने जमाने की अभिनेत्रियों के संयमित कपड़ों की भी तारीफ की। उनकी इस बात पर सोशल मीडिया पर भारी आलोचना हुई और उन्हें पुरानी सोच वाला कहा गया।

इसके बाद शिवाजी ने अपने शब्दों के लिए माफी मांगी और कहा कि उनका इरादा किसी को अपमानित करने का नहीं था, बल्कि वह सिर्फ अभिनेत्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे।

TMMTMTTM Opening Day Collection: पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर कमाल दिखाने वाली है कार्तिक-अनन्या की जोड़ी, जानें कितना होगा कलेक्शन

निधि अग्रवाल की प्रतिक्रिया

निधि अग्रवाल ने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, “पीड़ित को दोष देना ही चालाकी कहलाता है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह के बयान पीड़ितों के खिलाफ होते हैं और यह सही नहीं है।

इस मामले में तेलंगाना राज्य महिला आयोग ने शिवाजी को 27 दिसंबर को पूछताछ के लिए तलब किया है।