न्यूज 18 इंडिया की लाइव डिबेट में अमिश देवगन के शो में बीजेपी नेता संबित पात्रा और एसडीपीआई नेता तसलीम रहमानी के बीच तीखी बहस देखने को मिली। डिबेट के दौरान तसलीम रहमानी बिफर पड़े और संबित पात्रा से कहने लगे कि- ‘मैं साध्वी प्रज्ञा को सुरैया खानम कहकर बुलाऊं? अगर आपको सारे नाम मुसलमानों के ही लेने हैं तो आप साध्वी प्रज्ञा को भी सुरैया खानम बोलिए।ट

इस पर तसलीम रहमानी को संबित पात्रा ने जवाब देते हुए कहा- ‘आप बुलाइये साध्वी प्रज्ञा को सुरैया खानम, हमें कोई आपत्ति नहीं। इसमें मैं कहां से हिंदू आतंकवाद ले आऊं, जब हिंदू आतंकवादी ही नहीं हैं तो?’

पात्रा ने आगे कहा- ‘ मैंने अपनी ओपनिंग स्टेटमेंट में बिल्कुल सही कहा कि हमारे ये दो मुस्लिम भाई डिबेट में विशेषज्ञ बनकर आते हैं तो कभी तालिबान का सपोर्ट करते हैं, कभी आतंकवाद का सपोर्ट करते हैं, तो ये इंजस्टिस किसके खिलाफ कर रहे हैं? ये पूरे हिंदुस्तान के खिलाफ इंजस्टिस करते हैं। क्योंकि लोगों को लगता है कि ये कौम की सोच है! ये कौम की सोच नहीं होती। ये कुछ इंडिविजुअल की सोच होती है। जिसमें कि ये कौम के नाम पर राजनीति करने का प्रयास करते हैं।’

पात्रा ने आगे कहा- ‘यहां पर अभी कहा गया कि कुछ ऐसे लोग हैं जो मेंबर ऑफ पार्लियामेंट बनके बैठे हैं। अमिश भाई मुझे तो आश्चर्य हो रहा है कि इनका बस चलेगा तो ये कहेंगे कि पार्लियामेंट में अमेंडमेंड लाना चाहिए कि अगर उनका (आतंकवादी) नाम जान मोहम्मद है, ओसामा है… तो उसको आप चेंज कर दीजिए। उसका नाम रमेश अग्रवाल रख दीजिए। उसका नाम कार्तिक गुप्ता रख दीजिए। आप जान मोहम्मद को जान मोहम्मद नहीं बोल सकते। उसका नाम कार्तिक शर्मा होना चाहिए।

पात्रा आगे कहते हैं, ऐसे ही होगा थोड़े दिन बाद, आप लिखकर रखिए। मुझे हैरानी है, बताइए कौन सा आतंकवादी मेंबर ऑफ पार्लियामेंट बन गया है? ये वही लोग हैं जो जाकिर नायक से लेकर याकूब मेमन का समर्थन करते हैं।’

पात्रा आगे कहते हैं- ‘ये जो आतंकवादी पकड़े गए हैं, वो ओसामा ‘बच्चा है’… मुस्लिम बच्चा। ये लड़के ‘निर्दोष बच्चे’ हैं जिनको पुलिस ने पकड़ लिया है। अमिश भाई, सोचो हम तो केवल डिबेट करने आते हैं, आपको आश्चर्य होगा, डिबेट के बाद कई घंटों तक दिमाग झन्नाता है कि आखिर क्या डिबेट करके आए हैं। वो जो पुलिसकर्मी हैं, जिन्होंने पकड़ा है इन आतंकवादियों को, वो आतंकवादियों को मारने के लिए इस हद तक गुजरते हैं कि अपने बच्चों को यतीम कर देते हैं, उनके दिल पर क्या गुजरती होगा, सोच के देखो।’

पात्रा ने कहा- ‘मैं सेल्यूट करता हूं उन्हें, वे क्या सोचते होंगे कि हमारे देश के ही लोग टीवी पर आकर पुलिसकर्मियों के लिए क्या-क्या कह रहे हैं- धोखेबाज, फरेबी, झूठे पॉलिटिशियन! क्यों पकड़ेगा कोई पुलिसवाला देश में आतंकवादियों को? मोहनचंद शर्मा की शहादत को हम झूठा बोलेंगे?’