अपनी दमदार एक्टिंग से हर रोल में जान डालने वाले नसीरउद्दीन शाह आज (20 जुलाई) अपना 66वां बर्थडे मना रहे हैं। उनके बर्थडे पर हम आपको बताने जा रहे हैं उनकी ऑटोबायोग्राफी ‘Then one day’ से जुड़े कुछ ऐसे किस्से जो आपने कम ही सुने हों।

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1- नसीरउद्दीन शाह ने अपनी ऑटोबायोग्राफी लिखने में 10 साल लगाए थे। इन सालों में वह कभी-कभी समय निकालकर जरूरी किस्से कागज पर उतारने लगते। वो तब तक लिखते रहे जब तक कि उन्होंने 100 पेज पूरे नहीं कर लिए। इसके बाद ये आधा अधूरा ड्राफ्ट उन्होंने अपने दोस्त रामचंद्र गुहा को गिफ्ट किया। फिर गुहा ने नसीर को उसे पूरा करने और पब्लिशिंग हाउस भेजने के लिए प्रेरित किया।

2- नसीर की किताब से पता चलता है कि उनका अपने पिता अली मोहम्मद शाह के साथ रिश्ता ज्यादा अच्छा नहीं था। दूसरे पैरेंट्स की तरह शाह के पिता भी उनके अकैडेमिक्स में अच्छे ना होने की वजह से नाराज रहते थे। दोनों के रिश्ते में कड़वाहट और बढ़ गई जब 19 साल के शाह ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में थिएटर पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया।


3- शाह ने 19 साल की उम्र में एक 34 साल की पाकिस्तानी महिला परवीन से शादी कर ली थी। वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मेडिसिन पढ़ रही थीं। परवीन उस समय नसीर को बेहद सपोर्ट करती थीं और उनके सपनों को समझती थीं। दोनों ने 1 नवंबर 1969 में शादी कर ली। लेकिन ये रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चला। जब नसीर का एडमिशन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में हुआ तो दोनों के बीच दूरियां आनी शुरू हो गईं। शादी के दस महीने के बाद पुरवीन ने पहले बच्चे को जन्म दिया। नसीर कहते हैं कि वह काफी इन्सिक्योर और मेंटली और इमोश्नली स्टेबल नहीं रहे। इसी वजह से दोनों का रिश्ता लंबा नहीं चल पाया।


4- NSD में एक नई जिंदगी में बिजी नसीर शादी और बच्चे की जिम्मेदारियों को एक बोझ की तरह लेने लगे। उन्होंने पुरवीन से मिलना, फोन करना यहां तक कि चिट्ठी लिखना भी बंद कर दिया। इसके कुछ समय बाद पुरवीन बेटी हिबा के साथ लंदन चली गईं। इसके बाद 12 साल तक नसीर और उनकी बेटी के बीच कोई रिश्ता नहीं था। वो तबतक अपनी बेटी से मिले भी नहीं थे।


5- शाह अपनी पत्नी रत्ना पाठक से पहली नजर में प्यार कर बैठे थे। उन्होंने बताया है कि वह थिएटर डायरेक्टर सत्यदेव दुबे के साथ एक गन्ने के जूस के स्टॉल पर खड़े होकर स्क्रिप्ट डिस्कस कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने रत्ना पाठक को देखा था। उस वक्त शाह अपना पुराना रिश्ता टूटने के गम के दौर से गुजर रहे थे।

6- शाह बताते हैं कि वो भी दसरे कमर्शियल एक्टर्स के तरह नाचना-गाना चाहते थे। उन्होंने कभी भी कमर्शियल फिल्म के ऊपर कभी ऑफ बीट फिल्मों को तरजीह नहीं दी। लेकिन इससे पहले कि वो मेनस्ट्रीम सिनेमा में काम करते उन्हें पहले ही सीरियस एक्टर का टैग मिल चुका था।