भारत के लोकप्रिय संगीतकार एआर रहमान ने कहा है कि, भारत के ‘मी टू’ अभियान में इतनी क्षमता है कि वह मनोरंजन उद्योग को साफ-सुथरा कर सके और महिलाओं के प्रति सम्मानपूर्ण माहौल बना सके। ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित 51 वर्षीय रहमान ने सोशल मीडिया के जरिए सोमवार की रात अपना बयान साझा किया। उन्होंने कहा कि, उनका लक्ष्य हमेशा से महिलाओं के लिए एक सुरक्षित कार्यस्थल का माहौल बनाने का रहा है।

उन्होंने कहा, ‘मी टू’ अभियान देख रहा हूं, कुछ पीड़ितों और आरोपियों के नामों ने मुझे चौंकाया है। मुझे अच्छा लगेगा अगर हमारा मनोरंजन उद्योग साफ-सुथरा हो और यहां महिलाओं के लिए सम्मानपूर्ण माहौल हो। उन सभी पीड़ितों को शक्ति और मजबूती मिले जो आगे आकर अपनी बात रख रही हैं। रहमान का यह बयान लंबे समय से उनके साथ गीत लेखन करने वाले सहयोगी वैरामुत्तु पर लगे अभद्र व्यवहार के कई सप्ताह बाद आया है, उन पर गायिका चिन्मय श्रीपदा सहित अन्य महिलाओं ने आरोप लगाए थे।

उन्होंने लिखा, “मैं और मेरी टीम ऐसा माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं जहां सभी को अपना सर्वश्रेष्ठ काम करने के लिए सुरक्षित माहौल मिल सके, वह आगे बढ़ सकें और सफलता पा सकें”। हालांकि रहमान का यह भी कहना था कि ‘इंटरनेट जस्टिस सिस्टम (इंटरनेट न्यायिक प्रणाली)’ बनाने से पहले लोग सावधानी बरतें।

एआर रहमान ने कहा, सोशल मीडिया पीड़ितों को अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्रता प्रदान करता है। अगर इसका गलत इस्तेमाल किया जाता है तो हमें इसे नया ‘इंटरनेट जस्टिस सिस्टम’ बनाने में सावधानी बरतनी चाहिए।भारत का ‘मीटू’ अभियान अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा अभिनेता नाना पाटेकर पर लगाए गए एक दशक पुराने आरोप की कहानी साझा करने के बाद आया है। दत्ता का आरोप था कि 2008 में एक फिल्म के सेट पर पाटेकर ने उनका यौन उत्पीड़न किया था। इसके बाद फिल्म उद्योग की कई बड़ी हस्तियों साजिद खान, विकास बहल, सुभाष घई आदि पर यौन उत्पीड़न के आरोप सामने आए।