Meena Kumari Death Anniversary: हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के श्रेष्ठ फिल्मों की बात जब भी छिड़ती है, पाकीज़ा का जिक्र उसमें जरूर होता है और साथ ही जिक्र होता है बला की खूबसूरत मीना कुमारी का। बॉलीवुड की ट्रेजेडी क्वीन कही जाने वाली मीना कुमारी की आज पुण्यतिथि है। जिस तरह उनकी फिल्मों में ट्रेजेडी का बोलबाला रहा, उनकी निजी ज़िंदगी भी मुश्किलों से दो- चार होती रही। लेकिन इसका असर उन्होंने अपनी फिल्मों पर कभी नहीं होने दिया बल्कि अंतिम समय तक वो काम करती रहीं।

मीना कुमारी ने मशहूर निर्देशक कमाल अमरोही से शादी की थी। कमाल अमरोही ने ही फ़िल्म पाकीज़ा का निर्देशन किया था। इसी फिल्म के दौरान एक दिलचस्प घटना हुई थी, जब फिल्म के लोगों को डाकुओं ने घेर लिया था।

खतरनाक डाकुओं ने घेर लिया, लेकिन मीना कुमारी का नाम सुन बदल दिया इरादा- पत्रकार विनोद मेहता ने इस दिलचस्प घटना को कलमबद्ध किया है। उन्होंने लिखा है कि जब पाकीज़ा की आउटडोर शूटिंग के लिए मीना कुमारी, कमाल अमरोही और बाकी लोग मध्यप्रदेश के शिवपुरी से गुजर रहे थे तभी उनके कार की पेट्रोल खत्म हो गई। वो इलाका डाकुओं का था। मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध डाकू अमृत लाल ने उनके काफिले को घेर लिया लेकिन जब उसे पता चला कि मीना कुमारी वहीं मौजूद है तब सब कुछ भूलकर उसने मीना कुमारी और बाकी लोगों के खाने- पीने की व्यवस्था करवाई।

विनोद मेहता लिखते हैं कि डाकू अमृत लाल ने जाते- जाते मीना कुमारी से अपने हाथ पर ऑटोग्राफ लिया था। वो कोई साधारण ऑटोग्राफ नहीं था बल्कि डाकू ने मीना कुमारी से कहा था कि वो चाकू से उसके हाथ पर ऑटोग्राफ दें। मीना कुमारी ने बड़ी मुश्किल से चाकू पकड़कर ऑटोग्राफ दिया था।

अशोक कुमार को अपना मेंटोर मानती थीं मीना कुमारी- मीना कुमारी मशहूर अभिनेता अशोक कुमार को अपना मेंटोर मानती थीं। मीना कुमारी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था, ‘मैं अशोक कुमार को अपना उस्ताद मानती हूं। अपनी फिल्मी जिंदगी में मैंने जो कुछ भी सीखा है वो ज्यादातर उन्हीं से सीखा है। मैं उनकी उस जमाने से फैन हूं, जब मुझे फैन का मतलब भी नहीं पता था।’

 

मीना कुमारी का फिल्मी सफर तो शानदार रहा लेकिन उनकी शादीशुदा जिंदगी ठीक नहीं चली। कमाल अमरोही से अलग होकर वो धर्मेंद्र के करीब हो गईं थीं लेकिन यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। वो ताउम्र अकेले ही रहीं। जिंदगी में कई परेशानियों के बावजूद मीना कुमारी में जीने की तमन्ना पुरजोर थी।

 

मैं मरना नहीं चाहती- जब आखिरी वक्त में कहा था मीना कुमारी ने- मीना कुमारी अपने अंतिम कुछ दिनों में बेहद बीमार रहने लगीं थीं। शराब और तंबाकू की बुरी लत ने उन्हें कमज़ोर कर दिया था। जब हालत ज्यादा बिगड़ी तो उन्हें सेंट एलिजाबेथ नर्सिंग होम में भर्ती करवाया गया था।

मीना कुमारी बीमारी की उस हालत में ज़िंदगी को तरस रही थीं और उन्होंने अपनी बड़ी बहन खुर्शीद से कहा था, ‘आपा मैं मरना नहीं चाहती।’ यही उनके आखिरी शब्द थे, इसके बाद वो कोमा में चली गईं और फिर 31 मार्च 1972 को उनका निधन हो गया।