Adipurush Row: गीतकार-लेखक मनोज मुंतशिर फिल्म ‘आदिपुरुष’ को लेकर विवादों में हैं, पहले तो फिल्म के डायलॉग की वजह से लोग उन्हें ट्रोल कर रहे थे, मगर अब उन्होंने न्यूज चैनल्स को दिए इंटरव्यू में जो बातें बोली हैं उसने आग में घी डालने का काम किया है। कभी को हनुमान को बच्चे जैसा बताते हैं तो कभी कहते हैं कि वो भगवान नहीं हैं। ‘आदिपुरुष’ हिंदू महाकाव्य रामायण का एक रूपांतरण है, जिसमें प्रभास ने राघव, कृति सनोन ने जानकी और सैफ अली खान ने लंकेश के रूप में अभिनय किया है। कथित तौर पर 500 करोड़ रुपये के बजट में बनी यह फिल्म मजबूत ओपनिंग देने के बाद बॉक्स ऑफिस पर संघर्ष कर रही है।

आदिपुरुष को दर्शकों और क्रिटिक्स दोनों से लगातार निगेटिव रिव्यूज मिल रहे हैं। मुंतशिर ने निर्देशक ओम राउत के साथ फिल्म का सह-लेखन किया है। मगर विवादों में मनोज मुंतशिर रहे हैं, और अब वो अपने बचाव के लिए जो बयान दे रहे हैं उससे उनकी मुसीबतें और बढ़ रही हैं। यह पहली बार नहीं है जब मुंतशिर की आलोचना हुई है। आइए आपको बताते हैं जब-जब मनोज मुंतशिर विवादों में रहे हैं।

01 शुक्ला में वजन नहीं है से लेकर मनोज मुंतशिर शुक्ला तक का सफर

मनोज मुंतशिर ने अपने नाम के आगे मुंतशिर जोड़ा था जिसका उर्दू में अर्थ है ‘बिखरी हुई आत्मा’। उनका जन्म वास्तव में उत्तर प्रदेश के अमेठी में मनोज शुक्ला के रूप में हुआ था। एक रेडियो साक्षात्कार में, उन्होंने कहा कि उन्होंने मुंतशिर नाम ‘बेतरतीब’ चुना, क्योंकि उन्हें लगा कि शुक्ला में ‘वजन’ नहीं है। उन्होंने कहा, “मैंने कविता लिखना शुरू कर दिया था, और मुझे एक उपनाम की आवश्यकता थी, लेकिन मुझे लगा कि शुक्ला का वजन पर्याप्त नहीं है,” उन्होंने कहा, “सेकंड के एक हिस्से में, मनोज ‘शुक्ला’ से ‘मुंतशिर’ तक की यात्रा पूरी हो गई थी।” हालांकि उन्होंने बाद में फिर अपना नाम बदला और मनोज मुंतशिर शुक्ला रख लिया।

02 करियर की शुरुआत

एक गीतकार के रूप में, मनोज मुंतशिर शुक्ला ने “तेरी मिट्टी”, “गलियां”, “तेरे संग यारा”, “कौन तुझे”, “दिल मेरी ना सुने”, “कैसे हुआ”, और “फिर भी तुमको चाहूंगा” जैसे गीत लिखे हैं। उन्होंने मार्वल की ब्लैक पैंथर के अलावा तेलुगु भाषा की फिल्मों बाहुबली: द बिगिनिंग और बाहुबली 2: द कन्क्लूजन के लिए हिंदी संवाद भी लिखे हैं।

मनोज मुंतशिर शुक्ला ने उन्हें खोजने और गेम शो कौन बनेगा करोड़पति के लिए स्क्रिप्ट लिखने का मौका देने का श्रेय अमिताभ बच्चन को दिया है। 2017 में बॉलीवुड हंगामा के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “श्री बच्चन ने मुझे केबीसी लिखने के लिए चुना था।” उन्होंने इंडियाज गॉट टैलेंट और इंडियन आइडल जूनियर के लिए लिखा। “तीन या चार महीनों में, मैंने फुटपाथ से कार तक का सफर किया।”

03 ‘तेरी मिट्टी’ विवाद

मुंतशिर, भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले कई प्रमुख संगीतकारों और लेखकों की तरह, साहित्यिक चोरी के आरोपों का भी सामना कर चुके हैं। फिल्म केसरी के लिए उनका लिखा गीत “तेरी मिट्टी” भी खूब विवादों में रहा। इसे हकीकत के गाने “कर चले हम फ़िदा” से कंपेयर किया गया, जिसे कैफ़ी आज़मी ने लिखा था।

04 कविता चोरी का लगा आरोप

मनोज मुंतशिर शुक्ला पर रॉबर्ट लैवरी की 2007 की कविता की चोरी का भी आरोप लगा। जिसके बाद मनोज मुंतशिर शुक्ला ने अपनी सफाई में कहा, “मेरी कोई भी रचना 100% मौलिक नहीं है। मेरे खिलाफ याचिका दायर करें और मैं अदालत के हर फैसले का सम्मान करूंगा। मोमिन की पंक्तियों ने तेरी गलियां गीत के एक छंद को प्रेरित किया, तेरे संग यारा फिराख गोरखपुरी के दोहों से प्रेरित था और मेरे अपने गीत तेरी मिट्टी का कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है लेकिन मुझे नहीं लगता कि मेरा नाम कहीं भी लिखा गया था।”

05 फिल्मफेयर पुरस्कारों का बहिष्कार

फिल्मफेयर अवार्ड्स में गली बॉय के गाने “अपना टाइम आएगा” से “तेरी मिट्टी” के हारने के बाद, मुंतशिर ने ट्विटर पर अपना गुस्सा उतारा था। मुंतशिर ने लिखा, “डियर अवॉर्ड्स… चाहे मैं पूरी जिंदगी कोशिश कर लूं.. मैं ‘तू कहती थी तेरा चांद हूं मैं और चांद हमें रहता है’ से बेहतर लाइन नहीं लिख पाऊंगा। लाखों भारतीय अपनी मातृभूमि के लिए रोते और परवाह करते हैं। यह मेरी कला का बहुत बड़ा अपमान होगा अगर मैं अभी भी आपकी केयर करना जारी रखता हूं। तो यहां मैं आपको अंतिम अलविदा कहता हूं। मैं आधिकारिक तौर पर घोषणा करता हूं- मैं तब तक किसी भी पुरस्कार समारोह में शामिल नहीं होऊंगा। अलविदा।”

06 ‘मुगल डकैत हैं’ विवाद

2021 में, मनोज मुंतशिर शुक्ला ने उस समय विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने ट्विटर पर “आपके पूर्वज कौन हैं?” शीर्षक से एक वीडियो पोस्ट किया। वीडियो में, मुंतशिर ने मुग़ल बादशाहों को ‘डकैत’ कहा, और मुस्लिम अल्पसंख्यक के प्रति ‘नफरत बोने’ के लिए फिल्म इंडस्ट्री के कई लोगों ने भी उनकी आलोचना की। ऋचा चड्ढा और नीरज घेवान ने उनके इस वीडियो पर अपना गुस्सा जाहिर किया था।

07 आदिपुरुष के संवादों का बचाव

आदिपुरुष को सिनेमाघरों में रिलीज़ होते है हनुमान के लिए लिखे उनके डायलॉग को बहुत निगेटिव रिव्यू मिले। बाद में मुंतशिर रिपब्लिक पर एक इंटरव्यू में दिखाई दिए, और अपना बचाव करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि उन्होंने वो भाषा इस्तेमाल की जिसमें उनकी दादी-नानी रामायण सुनाती थीं, ये आज की जेनरेशन के लिए है। उनके इस बयान पर खूब विवाद हुआ।

08 ‘आदिपुरुष रामायण का रूपांतरण नहीं है’

अपने लेखन का बचाव करने के एक दिन बाद, मुंतशिर आज तक के साथ एक साक्षात्कार में उपस्थित हुए, और अपना अब तक का सबसे अपमानजनक दावा किया। उन्होंने कहा कि आदिपुरुष रामायण का बिल्कुल भी रूपांतरण नहीं है, बल्कि केवल इससे प्रेरित है। “फिल्म का नाम आदिपुरुष है। मैं दो बातों को स्पष्ट कर दूं, हमने रामायण नहीं बनाई है, हम केवल उससे प्रेरित हैं। यहां तक कि अगर आप हमारे डिस्क्लेमर को देखें, तो हम इसके बारे में बहुत स्पष्ट थे। मार्केटिंग रणनीतियों को ध्यान में रखते हुए हमारे लिए फिल्म का नाम रामायण रखना आसान होता। लेकिन हम शुरू से ही जानते थे कि हम केवल रामायण से बहुत प्रेरित हैं, लेकिन हम रामायण नहीं बना रहे हैं। हमने रामायण में लड़ी गई लड़ाई का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा बनाया है।”

09 ट्विटर पर जाहिर किया दुख मगर हुए ट्रोल

आपत्तिजनक डायलॉग्स में बदलाव की घोषणा करते हुए मुंतशिर ने ट्विटर नोट में लिखा कि उन्हें पंचिंग बैग बना दिया गया है। उन्होंने लिखा, “मैं अपने डायलॉग्स के पक्ष में अनगिनत दलीलें दे सकता हूं, लेकिन इससे आपका दर्द कम नहीं होगा। मैंने और फिल्म के निर्माता-निर्देशक ने तय किया है कि कुछ डायलॉग्स जो आपको तकलीफ दे रहे हैं, हम उन्हें रिवाइज करेंगे।” उन्हें इस सप्ताह फिल्म में जोड़ा जाएगा। श्री राम आप सभी को आशीर्वाद दें।” मनोज ने यह भी कहा कि उन्होंने फिल्म के लिए लगभग 4000 संवाद लिखे, जो विवादास्पद नहीं थे, लेकिन उसके लिए तारीफ नहीं मिली।

उन्होंने आजतक को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “बजरंगबली भगवान नहीं, भक्त हैं। हमने उनको भगवान बनाया है।” इस पर भी मनोज मुंतशिर ट्रोल हो रहे हैं।