मनोज बाजपेयी ने यूं तो कई फिल्में की हैं, लेकिन उनके करियर में ‘सत्या’ बहुत मायने रखती है। मायने इसलिए रखती है क्योंकि इस फिल्म ने मनोज बाजपेयी को अलग पहचान दिलाई। मनोज की फिल्म सत्या को किसी और ने नहीं बल्कि उनके दोस्त अनुराग कश्यप ने लिखा था। लेकिन मनोज को भी नहीं पता था कि एक समय ऐसा आएगा कि दोनों एक-दूसरे से बात तक नहीं करेंगे। ऐसा समय आया भी जब दोनों ने 11 साल तक आपस में बात नहीं की।
मनोज बाजपेयी ने ‘द लल्लनटॉप’ के साथ बातचीत में इसका जिक्र किया था। मनोज ने बताया था, ‘अनुराग कश्यप कभी इस गली चलता है तो कभी उस गली चलता है। साथ ही अनुराग कान का बहुत कच्चा है। अगर उसे कोई बोल दे कि मनोज ने ऐसा बोला तो वो मान लेगा। उसको पता नहीं क्या ख्याल आया कि उसे लगा कि मैं उसके पक्ष का नहीं हूं। उसने मुझसे बात करनी बंद दी। मैं भी उससे ज्यादा जवान था तो मैंने भी कहा कि जाने दो।’
11 साल तक नहीं हुई बातचीत: मनोज बाजपेयी ने आगे बताया, ‘मतलब वो बातचीत ऐसी बंद हुई कि 11 साल तक हम दोनों ने आपस में बात नहीं की। मैंने ‘Dev D’ फिल्म देखी और मेरी फिल्में चल नहीं रही थीं। मुझे अचानक काम मिलना बंद हो गया। मैं अब इस सोच में कि अनुराग को कॉल करूं या नहीं। फिर मैंने उसे कॉल किया। सिर्फ बधाई दी। काम नहीं मांगा। उसके दो साल बाद मुझे रात साढ़े 10 बजे कॉल आया बस मैं सोने जा रहा था। उसने पूछा कि एक स्क्रिप्ट पढ़ोगे? मैं पहुंच गया और हम दोनों ने पिया और घर चले आए।’
तिग्मांशु धूलिया की गालियों से नाराज़ हो गए थे मनोज: डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने अपनी शादी का भी एक किस्सा शेयर किया था। अनुभव सिन्हा ने बताया था कि मैं जब कार से बाहर निकला तो देखा मनोज बाथरूम कर रहा था और तिग्मांशु खड़े होकर इसे गाली दे रहा था। थोड़ा देर बाद जब मनोज फ्री हुआ तो इस कदर नाराज़र हो गया था कि ये तिग्मांशु धूलिया के पीछे ईंट लेकर भाग रहा था। मैं भी ये देखकर हैरान रह गया। लेकिन हम लोगों की दोस्ती ऐसी ही है।