कोविड-19 संक्रमण की गति को रोकने के लिए कई राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति है। सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में भी लॉकडाउन है और अनावश्यक कामों के लिए लोगों के निकलने पर मनाही है। लेकिन बॉलीवुड सेलेब्स कोरोना कर्फ़्यू के बीच भी मुंबई की सड़कों पर स्पॉट हो रहे हैं। अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा भी शनिवार सुबह अपने पेट डॉग कैस्पर के साथ मॉर्निंग वॉक पर निकलीं जिसके बाद लोगों ने उन्हें जबरदस्त तरीके से ट्रोल कर कर दिया। मुंबई में लोग कोरोना संक्रमण से मर रहे हैं, बदहाल लोग सिस्टम से नाराज़ हैं ऐसे में मलाइका अरोड़ा घर से बाहर घूमने निकलीं तो लोगों के गुस्से का शिकार हो गईं।

मलाइका अरोड़ा ने मॉर्निंग वॉक के दौरान अपने चेहरे पर मास्क लगाया था और अपने पालतू कुत्ते के साथ वो घूमने निकलीं थीं। इस बात से नाराज़ लोगों ने मलाइका को खूब बुरा- भला कहा। थोड़ा ये थोड़ा वो नाम से एक यूजर ने व्यंगात्मक अंदाज में लिखा, ‘प्रतिबंधों में भी बाहर निकलना और पपराजी से फोटो खिंचवाना आवश्यक सेवाओं के तहत आता है।’

नारायण नाम से एक यूजर ने लिखा, ‘इनके लिए कोई कर्फ्यू और लॉकडाउन नहीं होता। कुत्ते का बाहर घूमना एक आम आदमी के जान से ज्यादा जरूरी हो गया है।’ बीइंग ब्लेस्ड नाम से एक यूजर ने लिखा, ‘इस गंदगी को पोस्ट करने के बजाए कोविड के लिए हेल्पलाइन नंबर ही पोस्ट कर देते।’

 

 

View this post on Instagram

 

A post shared by yogen shah (@yogenshah_s)

 

उषा नाम से एक यूजर लिखती हैं, ‘शर्म करो मलाइका, ऐसे समय में भी अपने कुत्तें के साथ बाहर। जो लोग तुम्हें फॉलो करते हैं उनके लिए एक उदाहरण बनना चाहिए लेकिन तुम लोग उन्हें मूर्ख बना रहे हो।’ श्रुति नाम से एक यूजर ने लिखा, ‘क्या ये आवश्यक सेवाओं में आता है?’

 

मलाइका के अलावा बॉलीवुड के अन्य दूसरे सेलेब्स को भी आम लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा है। दिशा पाटनी और टाइगर श्रॉफ जब कोविड कर्फ्यू के बीच छुट्टियों पर रवाना हुए तब लोगों ने उन्हें भी ट्रोल किया था। आलिया भट्ट, रणबीर कपूर भी ट्रोल हुए हैं।

 

अभिनेता अनु कपूर ने भी सेलेब्स के छुट्टियों पर जाने और सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट करने पर अपनी नाराज़गी दिखाई है। उन्होंने ट्विटर पर ट्वीट किया, ‘मैं विनम्रतापूर्वक सभी रईसजादों और मशहूर लोगों से आग्रह करता हूं कि वो विदेशी स्थानों पर छुट्टियां बेशक मनाएं लेकिन ऐसे समय में तस्वीरें शेयर करने से बचें क्योंकि दुनिया के अधिकांश लोग महामारी से जूझ रहे हैं और अपने को सुरक्षित रखने की लड़ाई लड़ रहे हैं। किसी को जला के मजलूमों की बद्दुआ क्यों लेना?’