‘सोनी टीवी’ पर प्रसारित होने वाले शो ‘कुछ रंग प्यार के ऐसे भी’ में देव, सोनाक्षी से कहता है कि वो विकी को अपनी कंपनी में सेल्स मैनेजर की जॉब देने के बारे में सोच रहा है। इस पर सोनाक्षी उसे कहती है कि विकी का इस फील्ड में कोई एक्सपीरीयंस नहीं है और उसके पास इस चीज की कोई डिग्री भी नहीं है। तो ऐसे में सेल्स मैनेजर की पोस्ट देना अच्छा फैसला नहीं होगा। ये बातें सुनकर देव उसे बोलता है कि वो बहुत ही लकी है जो उसे इतनी समझदार लड़की मिली है। इधर मामी, अपने बेटे विकी से उसकी जॉब को लेकर बात करती है।
सोनाक्षी देव के कमरे में आती है। देव उसके नजदीक आने की कोशिश करता है लेकिन सोनाक्षी बोलती है कि वो चाय लाने जा रही है। देव के मना करने पर सोनाक्षी उसे बताती है कि मां ने उसे व्रत रखने को कहा है और ऐसे में उन दोनों को करीब आना मना है। वो गुस्से में मां को जाकर पूछता है कि शादी के तुरंत बाद उन्हें सोनाक्षी पर ऐसे व्रत करने के लिए दबाव नहीं डालना था। मां उसे बोलती है कि वो मुझ पर इल्जाम लगा रही है जबकि उसने कोई फोर्स नहीं किया है । ईश्वरी ने कहा कि उसने तो सोना को व्रत का नियम बताना अपना फर्ज समझा। ये व्रत करने का फैसला उसका खुद का था। वो बताती हैं कि जब वो अपने बेटे पर किसी चीज लिए फोर्स नहीं करती हैं तो वो अपनी बहु पर कैसे दबाव डाल सकती है जो दूसरे के घर की है। वो नाराज होकर वहां से चली जाती है कि देव को अपनी मां पर भरोसा नहीं है। वो सोनाक्षी को बोलती है कि उसने देव को यहां सवाल करने भेजा है। देव बोलता है कि सोनाक्षी ने उसे यहां नहीं भेजा है वो बस उसकी बात सुन कर यहां आ गया। ईश्वरी बोलती है कि अगर ऐसा है तो उसे सोच समझ कर आना था। देव अपनी मां से इस बात के लिए माफी मांगता है। सोनाक्षी सारी बातें सुन कर कमरे में जाकर रोने लगती है।
देव कमरे में आकर सोनाक्षी को बोलता है कि वो क्यों रो रही है। देव उसे बोलता है कि वो मां को जानता है वो उसे फोर्स नहीं कर सकती है। वो व्रत के लिए मना भी कर सकती थी। उसे परफेक्ट बहु बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। जो वो है नहीं उसे बनने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए। इस पर सोनाक्षी बोलती है कि ऐसी कोई बात नहीं है। वो बोलती है कि उनके फैमिली की एक्सपेक्टेशंस पूरी करने और यहां की कस्टम्स को समझने की कोशिश कर रही है। देव बोलता है कि वो ये फैसला उससे पूछ कर ले सकती थी। सोनाक्षी बोलती है कि देव के नहीं रहने के कारण उसे ये फैसला खुद से ही लेना पड़ा। देव गुस्से में वहां से चला जाता है।
इधर सोनाक्षी के घर पर सौरभ और उसके पापा झगड़ा कर रहे हैं। उसकी मम्मी बोलती है कि वो सोना को मिस कर रहे हैं इसलिए चिड़चिड़े हो गए हैं। ईश्वरी, सोनाक्षी से मिलने जाती है। वो उसे बोलती है कि वो समझती है कि नई बहु की मुश्किलें क्या होती हैं। वो उन्हें बोलती हैं कि अगर उसे अपने घर की याद आ रही है तो वो अपने घर जा सकती है उसे अच्छा लगेगा।
सोना अपने घर आती है। उसकी फैमिली उसे अचानक देखकर काफी खुश होती है। इधर देव की मामी, ईश्वरी को बोलती हैं कि वो अपने घर जाकर अपना व्रत तोड़ कर खाना खा लेगी। जबकि हमलोग यहां भूखे रहेंगे। सोनाक्षी , अपनी मां को पूछती है कि वो क्या बना रही है। उसने कहा कि उसने फास्ट रखा है और वो कुछ खा नहीं सकती है। उसके पापा ने कहा कि जरूर ईश्वरी ने उसे फोर्स किया होगा। सोना बोलती है कि किसी ने उसे ऐसा करने को नहीं कहा है। तभी वहां अचानक से देव आ जाता है। सोना और बाकी सभी उसे अचानक से देख कर चौंक जाते हैं। सोना की मां उसके लिए खाने को लाती है लेकिन देव बोलता है कि उसका फास्ट नहीं है। इस पर सोना के पापा बोलते हैं कि उनके कल्चर मे सिर्फ पत्नी व्रत रखती है और पति नहीं, जबकि हमारे बंगाली कल्चर में ऐसा नहीं होता है।
Read Also: