भोजपुरी फिल्मों के स्टार खेसारी लाल यादव की जिंदगी में एक वक्त था जब वह दिल्ली में लिट्टी चोखा बेचा करते थे। उनकी जिंदगी का शुरुआती वक्त बहुत कठिन रहा। उनके परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी और यह बात उन्होंने एक इंटव्यू में बताई। खेसारी ने बताया कि उनका जन्म तक खुद के घर में नहीं हुआ था। खेसारी ने बताया कि उस दिन भीषण बरसात हो रही थी और उनके कच्चे घर की दीवारें वगैरह गिर चुकी थीं। आर्थिक हालत ठीक नहीं होने के चलते उन्हें अपने ही गांव के एक पक्के घर में शरण लेनी पड़ी जहां पर खेसारी का जन्म हुआ।
खेसारी ने बताया कि उनके पिता चने बेचा करते थे और उनके चचेरे भाईयों को मिला कर वे कुल 7 भाई थे। खेसारी ने कहा कि वह अपसे सभी भाईयों में सबसे छोटे थे और यही वजह थी कि ज्यादातर चीजों में उनका नंबर सबसे आखिरी में आता था। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने बड़े भाईयों के द्वारा उतारे हुए कपड़े पहनने को मिलते थे। खेसारी ने बताया कि उनके पिता दिन में चना बेचते थे और रात में गार्ड की नौकरी करते थे ताकि अपने परिवार को पाल सकें। वह मंडी से फेंका हुआ सड़ा प्याज उठा कर लाते थे जिसके भीतर का साफ प्याज निकाल कर उससे चना बना कर बेचा करते थे।
खेसारी ने बताया कि उनके पिता ने किसी तरह से 12000 रुपए जोड़ कर दिए थे कि वह अपना कैसेट लॉन्च कर गाने का शौक पूरा कर सकें और वह यह कैसेट बुरी तरह से फ्लॉप हो गया था। खेसारी ने बताया कि दोबारा उनके पिता ने 15 हजार रुपए दिए जो कैसेट फिर से फ्लॉप हो गया। इसके बाद उन्होंने अपने पिता से 8 हजार रुपए लेकर और कुछ अपने द्वारा कमाए पैसे जोड़ कर 25 हजार रुपए में एक और कैसेट लॉन्च किया था जो कि हिट हो गया और इसके बाद धीरे-धीरे खेसारी सुपरस्टार बनने की ओर बढ़ चले।