ऐ दिल है मुश्किल निर्देशक करण जौहर का कहना है कि उन्हें इस फिल्म की कहानी लिखने के लिए महज 9 दिन लगे। मुंबई में आयोजित किए गए 18वें जियो मामी फिल्म फेस्टिवल में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा- मुझे फिल्म की कहानी को लिखने में महज 9 दिन लगे। मैं न्यूयॉर्क (अमेरिका) में था, और सड़कों पर घूमते हुए उस आदमी के दर्द के बारे में सोच रहा था जो एकतरफा प्यार में होता है। मैं भी उस दर्द से गुजरा हूं। ऐ दिल है मुश्किल की कहानी उसी दर्द को बयां करती है। यह पूछे जाने पर कि क्या यदि कोई फीमेल डायरेक्टर इस फिल्म को निर्देशित करती तो यह थोड़ी अलग होती? करण ने कहा- मैं स्त्रीवादी अधिक हूं, इसलिए मुझे नहीं लगता है कि कोई खास फर्क आता यदि कोई महिला इसे डायरेक्ट करती।

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उन्होंने कहा- मैं कहानी को दोनों ही दृष्टिकोण से दिखाने के लिए पर्याप्त रूप से परिपक्व हूं। बल्कि मैं मेरी कई कहानियों में पुरुषों की बजाए महिलाओं को निरूपित करता हूं। फिल्म के जबरदस्त म्यूजिक के लिए म्यूजिक कंपोजर प्रीतम की तारीफ करते हुए करण ने कहा- अमिताभ भट्टाचार्य और प्रीतम की जुगलबंदी कमाल की है। उनका बनाया हुआ संगीत न सिर्फ सबसे अलग है बल्कि यह मेरी फिल्म की आत्मा है। मैं तहेदिल से उनका शुक्रिया अदा करता हूं। यह पूछे जाने पर कि अनुराग कश्यप की तरह उनकी फिल्म उतनी रियलिस्टिक क्यों नहीं होतीं? उन्होंने कहा- क्योंकि मेरी फिल्में रोमेंस और उसकी पेचीदगी के बारे में होती हैं। लोग मेरे सभी किरदारों की भावनाओं से जुड़ पाते हैं। तो आपको ऐसा क्यों लगता है कि वह रियलिस्टिक नहीं हैं?

करण ने कहा- अनुराग का और मेरा चीजों को प्रदर्शित करने का तरीका बहुत अलग है। लेकिन हम दोनों ही उसे वास्तविक तरीके से दिखाते हैं। वह सच्चाई के थोड़े स्याह पहलू के साथ जाता है और मैं प्यार और उसकी खूबसूरती के साथ रहता हूं। हर डायरेक्टर का एक सिग्नेचर स्टाइल होता है इसलिए आप हम दोनों की तुलना नहीं कर सकते। मेरी फिल्में अनुराग की फिल्मों से कम नहीं हैं। आप ऐसे कह सकते हैं कि संगीत की दुनिया में हम दो तरह के राग हैं। हम साथ में भी रह सकते हैं।

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